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अलसी के रेशे से कपड़ा निर्माण की तकनीक सीख रहे हैं महिलाएं एवं किसान

0 कुलपति डॉ. चंदेल ने बीस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया
रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा में ‘‘बीस दिवसीय अलसी के रेशे से धागाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना तथा उपरियोजना वेस्ट टू वेल्थ के अंतर्गत संचालित परियोजना ष्लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाकष् के प्रयोगशाला भवन का लोकार्पण भी किया। कुलपति डॉ. चंदेल ने इस अवसर पर कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत पूर्व में विकसित अलसी के डंठल से कपडा बनाने की तकनीक में आवश्यक परिशोधन कर औधोगिक स्तर पर कपडे बनाने की सुगम तकनीक विकसित की जाए और साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस तकनीक से महिलाओं एवं किसानों की में आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत अलसी के डंठल से कपडा बनाने की तकनीक को इस तरह बढ़ावा दिया जाए कि भविष्य में बड उद्यमी इसमें रुचि दिखायें।
डॉ. चंदेल ने वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि अलसी के रेशे के साथ-साथ अन्य प्रचलित रेशा को मिलाकर कपडा बनाने की तकनीक विकसित कर उनकी गुणवत्ता जांच कर आम जनता के लिये उपलब्ध करायें और कपड़े की कीमत को कम करने का प्रयास करें। उन्होंने वैज्ञानिकों से आव्हान किया कि वे कृषि में रेशे वाली अन्य फसलें जैसे अरंडी, भिन्डी, आदि का धागा बनाने के लिये अनुसंधान करें जिससे इन फसलों का भी उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद मिलें। उन्होने प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाओं को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की ।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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