इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीदने वाले कर्मचारियों से ब्याज के साथ वसूलें अग्रिम राशि;ओडिशा वित्त विभाग की चेतावनी
भुवनेश्वर, ओडिशा में इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को 2 से 15 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त अग्रिम राशि दी है। ऐसे में अब अग्रिम राशि के दुरुपयोग के आरोप सामने आ रहे हैं, जिसके चलते सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
वित्त विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के नाम पर अग्रिम राशि का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से इस माह के अंत तक 12.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज के साथ सभी अग्रिम धनराशि वसूलने और उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
3 महीने के अंदर दिखाने होंगे दस्तावेज
वित्त विभाग के विशेष सचिव सत्यब्रत राउत ने इस संबंध में सभी विभागों के सचिवों और अतिरिक्त मुख्य सचिवों को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि जिन कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए अग्रिम (अग्रिम धन) लिया है, उन्हें यह पैसा प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर दस्तावेज दिखाने होंगे।
इसमें वाहन की खरीद के लिए बिल, पंजीकरण प्रमाण पत्र और बीमा दस्तावेज शामिल हैं, जो कि अपने अधिकारियों को जमा करना होगा। जो भी इससे विचलित होगा, उससे 12.5 प्रतिशत ब्याज दर पर ली गई अग्रिम राशि की वसूली की जाएगी। विभागों के सचिवों को ओडिशा प्रशासनिक सेवा (सीसी एंड ए) नियम,1962 के अनुसार अग्रिम राशि का दुरुपयोग करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।
31 जुलाई तक वसूली जाए अग्रिम राशि
इसके अलावा उनसे 31 जुलाई तक 12.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ ली गई अग्रिम राशि वसूलने को भी कहा गया है। वित्त विभाग ने यह भी जरूरी जानकारी दी है कि वे किस सरकारी खाते में यह रिफंड का पैसा जमा करेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक मोटर वाहन को बढ़ावा देने के लिए अपने कर्मचारियों को 2 से 15 लाख रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम राशि प्रदान करने का निर्णय लिया था। कर्मचारी वाहन खरीदने के लिए यह एडवांस 31 दिसंबर 2025 तक ले सकते हैं। प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों को 15 लाख रुपये तक और तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दो लाख रुपये तक एडवांस देने की व्यवस्था है।