ईडी की दबिश के बाद अचानक रजिस्ट्री कम; अब सिर्फ 32 से 34 हो रही रजिस्ट्री
रायपुर, प्रदेश में ईडी की दबिश के बाद पंजीयन कार्यालय की रफ्तार अचानक धीमी पड़ गई है। इसे ईडी का सीधा असर तो नहीं कह सकते, लेकिन अफसर दबी ज़ुबान से यही कह रहे हैं कि ईडी के छापे का ही असर है। रायपुर पंजीयन कार्यालय में जहां एक दिन में एक उप पंजीयक 50 से 55 रजिस्ट्री करते थे, वहीं अभी सिर्फ 32 से 34 रजिस्ट्री ही कर पा रहे हैं। पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने के लिए जहां लोगों को दो-दो दिन का इंतजार करना पड़ता था। वहीं, अब एक दिन में आसानी से रजिस्ट्री हो रही है, क्योंकि ईडी के कारण रजिस्ट्री कार्यालय में पूरे दिन सन्नाटा पसरा है।
इसका उदाहरण है कि पिछले साल नया सत्र शुरू होते ही 1 अप्रैल से 12 मई 2022 तक कुल 7211 लोगों ने रजिस्ट्री कराई थी। इसमें 51 करोड़ के स्टांप की बिक्री हुई थी और 31 करोड़ रजिस्ट्रेशन फीस मिली थी। 1 अप्रैल से 12 मई 2023 के नए सत्र में कुल 7025 लोगों ने रजिस्ट्री करवाई है। इससे 49 करोड़ के स्टांप की बिक्री तो 28 करोड़ रजिस्ट्रेशन फीस मिली है।
पिछले साल की तुलना में इस साल 2 करोड़ स्टांप, 3 करोड़ रजिस्ट्रेशन और 186 रजिस्ट्री कम हुई है। अफसरों की मानें तो ईडी की दबिश के कारण बल्क में होने वाली रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इसकी वजह है कि ईडी की कार्रवाई के चलते आम आदमी भी डरा हुआ है। इसलिए बल्क में रजिस्ट्री कराने से लोग बच रहे हैं। प्रदेशभर के पंजीयन कार्यालय को पिछले साल 2100 करोड़ की तुलना में इस साल 2600 करोड़ का नया लक्ष्य दिया गया है। यानी इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य 400 करोड़ अधिक है। वहीं रायपुर जिले को 550 करोड़ का लक्ष्य मिला था।
विभाग ने लक्ष्य को पूरा कर 600 करोड़ की रजिस्ट्री की थी। इसमें प्रदेशभर में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री रायपुर जिले में हुई थी। पंजीयक अफसर की मानें तो पिछले साल छपोरा, डुंडा, कचना, सड्डू, निमोरा, देवपुरी, सेजबहार, पिरदा एवं आउटर के क्षेत्र में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री हुई थी। पंजीयन कार्यालय को नया लक्ष्य मिल गया है। ऐसे में ईडी ने कुछ व्यापारियों के यहां दबिश दे दी है। इसलिए दूसरे व्यापारी भी रजिस्ट्री करवाने नहीं आ रहे हैं। रजिस्ट्री कम होने के कारण पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों में बेचैनी है।