कौडिया-गढफुलझर क्षेत्र की ‘हरे राम हरे कृष्ण’ कीर्तन को दुनिया भर में मिली नई पहचान, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
महासमुंद, छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला इस समय हरी-कीर्तन को लेकर सुर्खियो में है। गांव गांव में हरी कीर्तन गूंज रही है। जिले के सरायपाली तहसील मुख्यालय में हरि कीर्तन का आयोजन किया गया था। इस हरि कीर्तन में कौडिया एवं फुलझर अंचल के हजारो कीर्तन प्रेमी लोग शामिल हुए। एक साथ ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का जाप करते हुए शहर का भ्रमण किया। इस आयोजन में 250 कीर्तन मंडलियां शामिल हुई थीं। जिसमें लगभग 15 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।
आयोजन में संस्कृति विभाग के अफसरों के अलावा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया प्रमुख भी मौजूद थे। इन कीर्तन मंडलियों का नाम रिकार्ड में दर्ज किया गया है। आयोजन का मकसद राज्य के कीर्तन समूहों को दुनिया भर में पहचान दिलाना था।बसना -पिथौरा- सरायपाली के साथ ओडिया भाषी इलाके के प्राय: हर गांव में कीर्तन का आयोजन होता है। जहां आसपास के गांव के कीर्तन दल शामिल होते है। इन आयोजनों में बडी संख्या में लोग शामिल होते है। यहा की कला- संस्कृति में यह शामिल है।
250 कीर्तन मंडलियां शामिल
इस कीर्तन का आयोजन छत्तीसगढ़ संकीर्तन समिति व समाजसेवी रूपेश कुमार ने महीनों के अथक प्रयास के बाद कराया। कीर्तन मंडली शहर के चारों मुख्य मार्ग से आई। घंटेश्वरी मंदिर से जयस्तंभ चौक, पतरापाली से जयस्तंभ और कुटेला चौक से जयस्तंभ चौक तक ‘हरे राम हरे कृष्ण’ कीर्तन करते हुए लोग आए। ऐसा नहीं कि कीर्तन में सिर्फ पुरुष ही शामिल थे। इस आयोजन में महिला कीर्तन मंडली ने भी हिस्सा लिया था। 250 कीर्तन मंडलियों ने प्रभु के आह्वान के बाद हरि कीर्तन शुरु किया। इस दौरान सभी लोगों ने ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का जाप करते हुए पूरे शहर का भ्रमण किया और अंत में मंडी परिसर में इकट्ठा हुईं। फिर एक साथ सभी लोग मंडी परिसर की तरफ चल दिए। बताया जा रहा है कि इस दौरान लगभग 15 हजार से ज्यादा लोगा कीर्तन में शामिल थे और यह सभी लोग एक साथ ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का जाप कर रहे थे।
आयोजन से लोग गदगद
इस आयोजन से ‘हरे राम हरे कृष्ण’ कीर्तन को एक नयी पहचान मिली है। मौके पर मौजूद रहे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया प्रमुख मनीष बिश्नोई के सामने यह आयोजन हुआ। स्थानीय लोग इस आयोजन से गदगद हैं। वहीं हरि कीर्तन के बहाने कीर्तन मंडलियों को एक नई पहचान मिली है। ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का इतने बड़े स्तर पर कीर्तन का आयोजन किसी ने नहीं देखा था।