खंडहर में ऊंचे सपने;रविशंकर विश्वविद्यालय ने अच्छे ग्रेड पाने बनाई चार कमेटी, आंतरिक मूल्यांकन शुरू
रायपुर, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पास वर्तमान कोई ग्रेड नहीं है। विश्वविद्यालय को ए प्लस-प्लस ग्रेड मिलेगा, अथवा ए और बी इनमें से किसी एक ग्रेड से ही संतुष्ट होना पड़ेगा, इसका निर्णय अगले कुछ महीनों में हो जाएगा। दरअसल नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल(नैक) की टीम विश्वविद्यालय आएगी और विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करेगी। इसके आधार पर ही विश्वविद्यालय का नया ग्रेड मिलेगा। नैक की टीम कब आएगी, अभी तिथि निर्धारित नहीं है। लेकिन संभावना है कि नैक टीम जुलाई-अगस्त में आ सकती हैं।
विश्वविद्यालय प्रबंधन अच्छी ग्रेडिंग के लिए तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का पिछली बार नैक मूल्यांकन 2016 में किया था, तब विश्वविद्यालय को ए ग्रेड मिला था। सामान्य रूप से नैक से मिले ग्रेड की अवधि पांच साल की होती है। हालाकि कई मामलों में दीगर विश्व विद्यालयों की तुलना में अध्ययन-अध्यापन की सुविधाएं कम है। यह राज्य का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय के नए कुलपति डा. सच्चिदानंद शुक्ला ने कार्यभार संभाल लिया है। उनका कहना है कि अच्छी ग्रेडिंग के लिए अभी से तैयारियां शुरू करवा दी हैं। इसके लिए चार कमेटियां बनाई गई है, जो विश्वविद्यालय के आंतरिक मूल्यांकन में जुट गई है। हर टीम में चार-चार सदस्य है, जो अलग-अलग विभागों में जाकर नैक के मापदंड के हिसाब से मूल्यांकन कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुलपति एक बाहरी लोगों की टीम बनाने की तैयारी कर रहे है। नैक की टीम आने से पहले विश्वविद्यालय अलग-अलग चरणों में अपनी तैयारियों को परखना चाहता है।
कई बिंदुओं को लेकर मूल्यांकन
जानकारों का कहना है कि नैक की टीम कई बिंदुओं को लेकर मूल्यांकन करती है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा शोध, छात्रों को दी जा रही सुविधाएं, पाठ्यक्रम, फैकल्टी की संख्या समेत अन्य शामिल है। पिछली बार नैक की टीम जब रविशंकर विश्वविद्यालय आइ थी, तब तीन दिन तक मूल्यांकन हुआ था। इसमें शिक्षकों के अलावा छात्रों से भी फीडबैक लिया गया था। ग्रेडिंग के हिसाब से ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी)की तरफ से ग्रांट भी दी जाती है। अच्छी ग्रेड वाले विश्वविद्यालयों को ग्रांट देने में प्राथमिकता मिलती है।