छत्तीसगढ़ में आरक्षण की अनिश्चितता में फंसी एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की तकनीकी शिक्षा
रायपुर, छत्तीसगढ़ में आरक्षण की अनिश्चितता में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की तकनीकी शिक्षा फंस गई है। जुलाई में आइटीआइ के करीब 72 हजार सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी है। आरक्षण को लेकर असमंजस की स्थिति में विभाग ने शासन से मार्गदर्शन मांगा है, जो अब तक नहीं मिला है। वहीं कोर्ट की ओर से निशा-निर्देश जारी नहीं होने के चलते शासन भी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी आरक्षण विवाद के चलते प्रवेश प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
आरक्षण को लेकर विभाग ने शासन से मांगा गया है मार्गदर्शन
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों हाई कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश के विभिन्न शासकीय विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रियाएं 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार किए जाने के दिशा-निर्देश मिले। लेकिन प्रवेश प्रक्रिया को लेकर कोर्ट की तरफ से स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। जुलाई में आइटीआइ में प्रवेश दिया जाना है।
वहीं पीईटी, पीपीएचटी के परिणाम आने के बाद प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चूंकि आइटीआइ में पहले प्रवेश शुरू होगा। शासन द्वारा आरक्षण को लेकर मिले दिशा-निर्देश के आधार पर ही इंजीनियरिंग, फार्मेसी समेत अन्य तकनीकी शिक्षा की सीटों पर प्रवेश दिए जाएंगे।
पिछले वर्ष इंजीनियरिंग की 7322 सीटें थी खाली
बता दें आरक्षण विवाद के चलते देरी हुई प्रवेश प्रक्रिया का असर इंजीनियरिंग की सीटों पर पड़ा। इंजीनियरिंग की 11514 सीटों में पिछले वर्ष-2022 में 4192 सीटें ही भर पाई थी। वहीं 7322 सीटें खाली रह गई थी। इधर बी फार्मेसी, डी फार्मेसी की 5891 सीटों में पांच प्रतिशत सीटों पर प्रवेश नहीं हो सका था।
तकनीकी शिक्षा सचिव तोपेश्वर वर्मा ने कहा, अभी तक कोर्ट की ओर से दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। शासन ने भर्ती नियम की तरह प्रवेश नियम के लिए भी कोर्ट से मार्गदर्शन मांगा है। अगले सप्ताह सुनवाई है, जिसमें निर्णय आने की उम्मीद है। तकनीकी शिक्षा संचालक अवनीश शरण ने कहा, पिछले वर्ष आरक्षण विवाद के चलते प्रवेश प्रक्रियाएं विलंब से शुरू हुई थी। कोशिश है कि इस वर्ष देरी ना हो। तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार ही किया जाएगा।