जिला सहकारी बैंक में 52 लाख की धोखाधड़ी; तीन कर्मचारियों पर FIR, 100 खातों की होगी जांच
रायपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर में 52 लाख की धोखाधड़ी करने वाले तीन कर्मचारियों के खिलाफ मौदहापारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बैंक के शाखा प्रबंधक शरद चंद गांगने की शिकायत के आधार पर थाना पुलिस ने आरोपी चंद्रशेखर डग्गर, संजय कुमार शर्मा व अरूण कुमार बैसवाड़े के विरुद्ध धोखाधड़ी की धारा के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोपी कनिष्ठ लिपिक, पूर्व सहायक लेखापाल और सहायक लेखापाद के पद पर है। इनमें से आरोपी बैसवाड़े वर्ष 2021 में सेवानिवृत्त भी हो चुका है।
मालूम हो कि इन कर्मचारियों ने मिलकर खातेदारों के एफडी के ब्याज में सेंध लगाकर करीब दो करोड़ से ज्यादा की रकम निकाली है। इनमें से 52 लाख के गबन की तो पुष्टि भी हो गई है। बताया जा रहा है कि 38 लाख की रिकवरी भी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि आरोपियों द्वारा थोड़ी-थोड़ी रकम निकाली जाती जाती थी,ताकि नकद कम नजर न आए और किसी को शक भी न हो। इसके चलते पांच वर्षों में धीरे-धीरे घोटाला करते रहे।
100 से अधिक खातों की होगी जांच
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने बताया कि विजिलेंस टीम द्वारा अब एक-एक खातों की जांच की जाएगी। करीब 100 से अधिक खातों की जांच होगी, जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि घोटाला कितने का हुआ है। उन्होंने बताया कि यह मामला वर्ष 2017 से 2021 के बीच का है। आरोपी कर्मचारियों ने बड़ी ही चालाकी से एफडी में मिलने वाले ब्याज की राशि अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर कर लिए थे। जब पैसों का आडिट हुआ तो कैश कम मिला और विजिलेंस टीम द्वारा जांच कराई गई।
सेवानिवृत्त के बाद भी उपयोग करते थे आफिस कम्प्यूटर
बताया जा रहा है कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी आरोपी बैसवाड़े कई बार आफिस आया करता था और कम्प्यूटर इस्तेमाल करते थे। बैसवाड़े की बातचीत भी काफी देर तक दूसरे दोनों आरोपियों संजय शर्मा व चंद्रशेखर से बातचीत भी होती रहती थी।