राजनीति

दो हजार करोड़ के शराब घोटाले को सीएम ने बताया राजनीतिक षड़यंत्र; जब विभाग का राजस्व बढ़ा तो घोटाला कैसे?

रायपुर,  छत्तीगसढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया है। मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट आने पर हताश भाजपा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मदद से राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही है। कार्पोरेशन के माध्यम से शराब विक्रय का निर्णय वर्ष 2017 में रमन सरकार द्वारा लिया गया था।

वर्ष 2017-18 में राज्य सरकार को आबकारी मद से लगभग 3900 करोड़ की प्राप्ति हुई थी, जबकि वर्ष 2022-23 में 6000 करोड़ से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विभाग का राजस्व बढ़ा तो घोटाला कहां से हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी भाजपा के राजनीतिक एजेंट के रूप में कार्य कर रही है। र्डडी का एकमात्र काम चुनाव में भाजपा को मदद करना है।

ईडी कितना भी षडयंत्र कर ले, उनके भाजपाई आका कभी कामयाब नहीं होंगे। राज्य की जनता को जिस प्रकार आतंकित एवं प्रताड़ित किया जा रहा है, उसके लिए भाजपा नेताओं को कभी माफ नहीं किया जा सकता। भाजपा नेताओं और ईडी के हर षडयंत्र को कांग्रेस सरकार बेनकाब करके रहेगी।

भाजपा सरकार में बनी नीति में नहीं हुआ परिवर्तन : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्ष 2017 से ही शराब व्यवसाय से संबंधित डिस्टलर, अधिकारी, परिवहन कर्ता एवं प्लेसमेंट एजेन्सियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और न ही नीति में कोई परिवर्तन हुआ है। राज्य के राजस्व में कमी का आरोप पूर्णतः निराधार है। आबकारी विभाग का भारत सरकार की एजेंसी सीएजी हर वर्ष आडिट करती है। सीएजी ने आबकारी विभाग को क्लीन चिट दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी 2020 में दिल्ली की आयकर टीम ने राज्य के आबकारी विभाग से संबंधित अनेक व्यक्तियों के यहां छापेमारी की। शर्मनाक बात यह है कि छापेमारी में कितनी राशि अथवा संपत्ति प्राप्त हुई, आयकर अधिकारी वह भी नहीं बता सके। मार्च 2023 में ईडी ने छापेमारी की, लेकिन यह छापा भी पूर्णतः असफल रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शर्म के कारण ईडी के अधिकारियों ने भी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में छापे में बरामद चल-अचल संपत्ति का कोई विवरण नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन साल से भी अधिक अवधि में किसी प्रकार की चल अचल संपत्ति उजागर करने में असफल ईडी ने अपनी इज्जत बचाने के लिए विज्ञप्ति जारी कर राज्य में 2000 करोड़ के शराब घोटाले का जो आरोप लगाया है, वह निंदनीय है।

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