बंगाल पंचायत चुनाव में बेलगाम हिंसा; 7 की मौत, कहीं 1 घंटे में ही मतदान तो कहीं नाले में मतपत्र
कोलकाता, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को वोट डाले जा रहे हैं। मतदान शुरू होते ही हिंसा और तोड़फोड़ की खबरें आने लगी। इन पंचायत चुनावों में अब तक 20 लोग मारे जा चुके हैं। कुल 63,229 ग्राम पंचायतों, 9,730 पंचायत समितियों और 928 जिला परिषदों के लिए मतदान हो रहा है। मतदान प्रक्रिया एक ही चरण में होगी। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी।
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बलों को तैनात की है। साल 2024 के आम चुनावों से पहले बंगाल में यह चुनाव अहम माने जा रहे हैं। यहां मुख्य लड़ाई सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा के बीच है।
पश्चिम बंगाल के 22 जिलों की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर शनिवार सुबह 7 बजे मतदान जारी है। सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से आगजनी-हिंसा और बैलेट पेपर जलाने की खबरें आ रही हैं। पिछले 24 घंटों में चुनावी हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है।
सबसे ज्यादा झड़प और हिंसा की खबरें मुर्शिदाबाद जिले से हैं। यहां के बेलडांगा और तूफानगंज में शनिवार सुबह एक-एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। ऐसी ही घटना शुक्रवार रात रेजीनगर में हुई। यहां बम विस्फोट में एक व्यक्ति मारा गया। TMC ने दावा किया है कि ये तीनों कार्यकर्ता उनकी पार्टी के थे।
उधर, खारग्राम गांव में कांग्रेस कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या करने की बात सामने आई है। सुबह वोटिंग शुरू होते ही कूच बिहार के सिताई में बारावीटा प्राइमरी स्कूल में बने पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ की गई और बैलट पेपर्स में आग लगा दी गई। वहीं, राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने के बाद, यानी 9 जून के बाद अब तक हिंसक घटनाओं में 18 लोगों की मौत चुकी है।
बंगाल पंचायत चुनाव में बेलगाम हिंसा
बीती रात से लेकर अब तक सात लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं एक दर्जन से अधिक लोग बम-गोली से जख्मी हुए हैं। कहीं एक घंटे में ही मतदान संपन्न हो गया है तो कहीं बैलेट पेपर और बाक्स नाले में मिला है।
केंद्रीय बलों की तैनाती पर भड़कीं ममता की मंत्री
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के शुरू होने से एक रात पहले चौंकाने वाली और दुखद घटनाएं सामने आई हैं। भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर केंद्रीय बलों की मांग की थी। तैनाती कहां है? केंद्रीय बल नागरिकों की सुरक्षा करने में क्यों विफल रहे हैं? टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है, दो को गोली मार दी गई है। जो लोग तैनाती की मांग कर रहे थे, कह रहे थे कि ये केंद्रीय बल शांति के संरक्षक हैं, वे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहे।’