राजनीति

बड़ा फैसला;छेडछाड करने वालों को अब राजस्थान में सरकारी नौकरी नहीं

जयपुर, राजस्थान कई मायनों में बाक़ी देश से अलग है। यहाँ की बोली बड़ी मीठी। जितना गहरा यहाँ पानी है, उतने ही गहरे लोग। खान- पान, रहन- सहन सबकुछ अव्वल। पहाड़ भी हैं और रेगिस्तान भी। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार यहाँ एक और अनोखा काम करने जा रही है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने आदेश दिया है कि महिलाओं, बच्चियों से छेडछाड करने या उनसे बद्तमीजी करने वालों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री अगर इस फ़ैसले पर अडिग रहते हैं तो देशभर के लिए यह एक मिशाल साबित हो सकता है। महिला सुरक्षा मामले में भी यह निर्णय सटीक साबित होगा।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे युवाओं को सरकार नौकरी पाने से रोकेगी कैसे? सरकार का कहना है कि इसके लिए अब छेडछाड करने वालों की रपट पुलिस लिखेगी। यह रपट परीक्षा मण्डलों को भी भेजी जाएगी। परीक्षार्थियों से केरेक्टर सर्टिफिकेट माँगा जाएगा। अगर कोई युवा छेडछाड में लिप्त रहा होगा तो इस सर्टिफिकेट में इसका हवाला रहेगा। ऐसे में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त युवा परीक्षा नहीं दे पाएँगे।

योजना बहुत अच्छी है लेकिन इसे अमल में लाना बड़ा कठिन प्रतीत होता है। आख़िर इतना बड़ा और विस्तृत डेटा कैसे इकट्ठा हो पाएगा। फिर जो छेडछाड की रपट ही नहीं लिखवाई जाएगी तो उसका तो पुलिस और सरकार भी क्या कर लेगी? हालाँकि राजस्थान लोक सेवा आयोग ( आरपीएससी) और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के पास फ़िलहाल केरेक्टर सर्टिफिकेट माँगने की कोई व्यवस्था या नियम नहीं है। भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता रखने वाला कैंडिडेट परीक्षा दे सकता है। केरेक्टर वेरिफ़िकेशन का काम नियुक्ति की सिफ़ारिश के बाद संबंधित विभाग ही करता रहा है।

वैसे भी आरपीएससी और चयन बोर्ड के पास कर्मचारियों की इतनी बड़ी फ़ौज नहीं है कि वह सभी परीक्षार्थियों का केरेक्टर वेरिफ़िकेशन कर सके। आख़िरकार यह काम पुलिस को ही करना पड़ेगा। पुलिस के हाथ में यह काम गया तो घपले- घोटाले भी होंगे। पुलिस क्या, कोई भी विभाग जिसे यह ज़िम्मेदारी दी जाएगी, घोटाले की सम्भावना तो वहाँ भी रहेगी ही।

लेकिन कुल मिलाकर यह फ़ैसला है बड़े काम का। सरकारी नौकरी नहीं पाने के डर से लोगों में यह चेतना तो आएगी ही कि छेडछाड करने से उनका बड़ा नुक़सान हो सकता है और यह सब काम ठीक नहीं है। महिला सुरक्षा के मामले में यह निर्णय निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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