भाजपा का चुनावी फार्मूला; कांग्रेस की तर्ज पर कांग्रेस से लडने की रणनीति
रायपुर, आसन्न विधान सभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार से भिडने वाली भाजपा ने चुनावी फार्मूला बना लिया है। छत्तीसगढ में 15 साल राज करने वाली भाजपा यहाँ कांग्रेस की तर्ज पर उसे मात देगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा हर क्षेत्र में बाहरी राज्यों के विधायकों को जिम्मेदारी देने की भी तैयारी कर रही है।
भाजपा ने कांग्रेस की तर्ज पर टिकट बांटने की भी तैयारी की है। इस रणनीति के तहत पहले सर्वे फिर संभावित प्रत्याशी की संगठनात्मक जिम्मेदारी से इस्तीफा और बाद में उसे टिकट दिया जाएगा। इस फार्मूले में प्रदेश के जितने भी जिलाध्यक्ष हैं, उन्हें टिकट पाने से पहले इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके पहले पार्टी विधानसभावार सर्वे भी करा रही है और फिर सक्रियता के आधार पर टिकट देगी।
पार्टी नेताओं की मानें तो भाजपा यहाँ कांग्रेस को उसी की रणनीति में टक्कर देगी। जैसा पिछले चुनाव में कांग्रेस की रणनीति थी। क्योंकि गत 20 वर्षों से पार्टी उसी ढर्रे पर चली आ रही है। इसलिए कई विधानसभा सीटों पर भाजपा पार्टी के जिलाध्यक्षों को टिकट देने पर विचार कर रही है। इन जिलाध्यक्षों को चुनाव में टिकट देने से पहले उनका इस्तीफा लिया जाएगा। अगर कोई जिलाध्यक्ष इसका विरोध करेंगे तो उनकी जगह दूसरे विकल्प पर भी पार्टी विचार कर सकती है यानी उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने 13 जिलाध्यक्षों से इस्तीफा लिया था। बाद में चार जिलाध्यक्षाें को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया थ।
पार्टी नेताओं के अनुसार पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीए संतोष और प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने भी कुछ इसी तरह के फार्मूले पर काम करने के संकेत दिए हैं। पिछले कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी ने चुनाव में टिकट देने के मामले में जो संकेत दिए हैं उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा की निर्णायक यात्रा 15 सितंबर से चलेगी
चुनावी वर्ष में मतदाताओं को रिझाने के लिए भाजपा की निर्णायक यात्रा 15 सितंबर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा सरगुजा और बस्तर से शुरू होगी। अभी अगस्त में नए वोटरों को साधने के बाद सितंबर में लगभग सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों ने मिलकर सम्मेलन करने की योजना बनाई है। जनता के बीच जा जाकर भाजपा के बीते 15 वर्षों का विकास और कांग्रेस के पांच वर्ष के विकास की तुलना की जाएगी।