राजनीति

भारत v/s india……

 आप किस देश के देशवासी है? अगर ये प्रश्न 15 अगस्त 1947 के पहले पूछा जाता तो बड़ा आसान उत्तर होता-  भारत। भारत का संविधान दो भाषा में लिखा गया है। अंग्रेजी और हिंदी में। अंग्रेजी में लिखने का कारण  गैर हिंदी भाषी राज्य थे। अन्य भाषाओं में इसका अनुवाद है। देश ने रविंद्र नाथ टैगोर के गीत” जन मन गण अधिनायक जय है”भारत” भाग्य विधाता” को राष्ट्रीय गान के रूप में स्वीकार किया।  26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ तो हिंदी साहित्य सहित अन्य भारतीय भाषाओं की प्रस्तावना में हम “भारत” के लोग “भारत” को….आत्मार्पित करते है,लिखा गया। संविधान के भाग एक में लिखा गया भारत “अर्थात” इंडिया राज्यों का संघ होगा।

 हाल ही भारत के राष्ट्रपति महोदया द्वारा जी-20 के संदर्भ में  रात्रिभोज के संदर्भ में एक आमंत्रण पत्र प्रेषित किया गया जिसमें  आंग्ल भाषा में  प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया। यही से भारत v/s  इंडिया  के संबंध में पक्ष – विपक्ष की बाढ़ आ गयी है। देश का संयुक्त होता विपक्ष जिसने अपने गठबंधन का नाम I.n.d.i.a दिया है  उन्हें  भारत नाम का प्रकाशन राजनैतिक रूप से सत्तारुढ़ दल की ऐसी राजनीति लग रही है जिससे देश में दो विचार स्वदेशी विरुद्ध परदेशी का तड़का है। आप भारत नाम का समर्थन करे या इंडिया का विरोध लेकिन आगामी दिनों में होने वाले दो आयोजन पहला राष्ट्रपति भवन में जी20 के राष्ट्राध्यक्षो  के रात्रिभोज औऱ दूसरा आसियान इंडिया  सम्मेलन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम के साथ भारत शब्द के उल्लेख से भारत v/s  इंडिया की लड़ाई बढ़ गई है।

भारत, विशुद्ध भारतीय शब्द है और आज का नहीं बल्कि वेद पुराण के जमाने से इसे भारतखंड, भारत वर्ष, भारत के नाम से उद्धत किया गया है। ये भी माना जा सकता है कि हिंदू धर्म मे6 भारत, दुष्यंत पुत्र  चक्रवर्ती सम्राट भरत के कारण देश का नाम भारत पड़ा। ये वही भरत थे जो शेर के जबड़े को खोलकर दांत गिनते थे।

 इंडिया शब्द विदेशी आक्रमणकारियों अंग्रेजों के द्वारा दिया गया है, इससे किसी को इंकार नहीं है। सिंधु घाटी औऱ इंडस नदी के कारण लैटिन भाषा में इंडिया शब्द जन्म लिया। मुस्लिम आक्रमणकारियों के अलावा अंग्रेजों के व्यापार करने के लिए आने से पहले किसी भी लिखित साक्ष्य में “इंडिया” शब्द का उल्लेख नहीं मिलता है।

 ये कयास भी लगाए जा रहे है कि संसद के विशेष सत्र में  भारत नामकरण विषय समाहित हो सकता है  लेकिन संविधान में भारत अर्थात इंडिया लिखा ही हुआ है इसलिए पहला शब्द महत्वपूर्ण हो जाता है। किस शब्द का उपयोग हो ये सरकार तय कर सकती है।

संविधान से इंडिया शब्द को हटाने का पहला प्रस्ताव राज्यसभा में 2012 में कांग्रेस के सांसद शांताराम ने लाया था। सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी लगी लेकिन संविधान में संशोधन अनुच्छेद 368 में ये अधिकार संसद को है। जब 105 संशोधन हो चुके है तो ये बात बेमानी है कि आगे संशोधन नहीं होंगे। वैसे भी एक स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी स्वयं की पहचान होना चाहिए। हमारे दो पड़ोसी श्रीलंका जिसे सीलोन औऱ म्यांमार जिसे बर्मा के नाम से जाना जाता था दोनो ने सीलोन,और बर्मा शब्द को हटा दिया। ईरान जिसे पर्शिया, थाईलैंड ने सियाम, कम्बोडिया ने कम्पूचिया, नीदरलैंड्स ने हॉलैंड शब्द से निजात पाकर अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाये है। ऐसे में भारत, भारत के नाम से दुनियां में जाना जाए, इससे तो एक स्वतंत्र राष्ट्र  ही परिभाषित होगा।

स्तंभकार- संजय दुबे

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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