राज्य के ब्लड बैंक को उन्नत बनाने की आवश्यकता
0 एम्स में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसओपी और गाइडलाइंस की दी जानकारी
रायपुर, प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित ब्लड बैंक्स के अधिकारियों और कर्मचारियों को एसओपी और गाइडलाइंस की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें प्रमुख रूप से रोगियों की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ब्लड बैंक को उन्नत बनाने पर जोर दिया गया।
कार्यशाला में प्रतिभागिता कर रहे रायपुर, बेमेतरा, बालोद, बलौदाबाजार, कवर्धा, राजनांदगांव, गरियाबंद के लगभग 50 चिकित्सा अधिकारियों, ब्लड ट्रांसफ्यूजन अधिकारियों और तकनीशियन को संबोधित करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मदद से ब्लड बैंक की सेवाओं को तीव्र गति प्रदान की जा सकती है और उन्हें आधुनिक आवश्यकतों के लिए तैयार किया जा सकता है।
अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने रोगियों की आवश्यकतानुसार रक्ताधान सेवाओं को बेहतर करने और विपरीत रिएक्शन से सुरक्षित रखने के लिए एसोपी और गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने इम्यूनोमिटोलॉजिकल प्रक्रियाओं, एंटीबॉडी स्क्रीनिंग, कंपोनेंट को प्रिजर्व करने, पीआरपी घटक निर्माण, ब्लड बैग के रख-रखाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर छोटे बच्चों में रक्ताधान की चुनौतियों के बारे में भी बताया गया। दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एम्स के ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष डॉ. संकल्प शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डॉ. संदीपन भोस्कर और एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अतिरिक्त निदेशक डॉ. खेमराज सोनवानी के संयुक्त प्रयासों से किया गया।
ब्लड बैंक के तत्वावधान में रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया जिसमें स्वयंसेवकों ने 50 यूनिट रक्तदान किया। इसमें एम्स के कर्मचारियों, एनआईटी रायपुर और साइंस कालेज के एनसीसी कैडेट्स ने प्रमुख रूप से रक्तदान किया। इस अवसर पर एनसीसी रायपुर के कमांडिंग अधिकारी श्री राकेश बुधानी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शिविर में डॉ. मनीष कुमार पाठक ने भी भाग लिया।