शराब घोटाला; BJP ने प्रस्ताव पारित कर CM बघेल से मांगा इस्तीफा,शराबबंदी का वादा कर शुरू की होम डिलीवरी
रायपुर, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शराब घोटाले के लिये कांग्रेस सरकार की निंदा की गई। वहीं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़ बचाओ संकल्प’ पेश किया, जिसे कार्यसमिति में सर्वसम्मति से पारित किया गया। बीजेपी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनके काम से पूरा छत्तीसगढ़ शर्मसार है। 2 हजार करोड़ के प्रकाश में आये शराब घोटाले समेत जांच एजेंसी की कारवाईयों से जितने तथ्य सामने आये हैं, उससे भूपेश बघेल वास्तव में छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक साबित हुए हैं। शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आयी कांग्रेस की इस विश्वासघाती सरकार ने न केवल शराब की घर पहुंच सेवा (होम डिलीवरी) शुरू कर दी, बल्कि शराब बांटने की समानंतर व्यवस्था कर प्रदेश के राजस्व को हजारों करोड़ का चूना लगाया। भूपेश सरकार ने बाकायदा कच्ची और जहरीली शराब बेच कर सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया है।
शराब के नाम पर हजारों करोड़ की लूट जारी
इससे निंदनीय स्थिति और क्या हो सकती है भला कि कोरोना काल में जब जहरीली शराब से लगातर मौतें होने लगी तो भूपेश बघेल की सरकार ने उसे बहाना बना कर शराब को घर-घर पहुंचाना शुरू कर दिया। तबसे लेकर आजतक न केवल शराब के नाम पर हजारों करोड़ की लूट जारी है बल्कि लगातार छत्तीसगढ़ के लोगों की जानें जा रही है। इसके अलावा न केवल छत्तीसगढ़ का संसाधन लूट कर भूपेश बघेल देश भर में कांग्रेस के राजनीतिक गतिविधियों के लिए एटीएम बने हुए हैं, बल्कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की कीमत भी ऐसी ही लूट की राशि से 10 जनपथ को चुका रहे हैं। हाल में हुए खुलासे से अब दस जनपथ के एटीएम से पर्दा उठ गया है।
दिल्ली के घोटाले से भी बढ़ कर छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ सबसे अधिक प्राकृतिक संसाधनों वाला प्रदेश है। यहां का यह शराब घोटाला दिल्ली के घोटाले से भी बढ़ कर है। 2 हजार करोड़ के घोटाले तो अभी ईडी ने पकड़े हैं, राजधानी रायपुर के महापौर का भाई इस घोटाले का सरगना साबित हुआ है, जाहिर है वह बिना मुखिया के संरक्षण के यह कर भी नहीं सकता था। एजेंसी ने कहा भी है सरगना वह अपना हिस्सा काट कर शेष रकम ‘पोलिटिकल मास्टर’ तक पहुंचा देता था। घोटाले की इस रकम से हजारों गरीबों के घर बन जाते, हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता था, अगर यह रकम प्रदेश के विकास पर खर्च होता तो। शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आयी भूपेश सरकार ने घर-घर शराब पहुंचा कर, अवैध शराब पिला कर सैकड़ों जानें ले कर प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इस कमीशनखोर और घोटालेबाज सरकार का एक पल भी सत्ता में बने रहना छत्तीसगढ़ के लिए अभिशाप साबित हो रहा। इसे हटा कर ही छत्तीसगढ़ बचाना संभव होगा।