सदन में गरमाया सियासी माहौल; सीएम पटनायक समेत दो मंत्रियों को जारी हुआ नोटिस….
5टी सचिव को बचाने के प्रयास
भुवनेश्वर, ओडिशा विधानसभा में बुधवार को एक ही दिन में दो मंत्रियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस का प्रस्ताव दिया गया है। एक नोटिस ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ तो दूसरी नोटिस लोक निर्माण मंत्री प्रफुल्ल मलिक के खिलाफ है। मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोधी दल के मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया है जबकि लोक निर्माण मंत्री प्रफुल मलिक के खिलाफ कांग्रेस के विधायक संतोष सिंह सलूजा ने दिया है।
जानकारी के मुताबिक मोहन चरण माझी ने कहा है कि गत 25 सितंबर को विधानसभा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपनी ओर से बयान दिया। हमने उनसे किसी प्रकार के बयान देने की मांग नहीं की थी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी ओर से बयान दिया। कई बार ऐसा हुआ है कि विपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग किये जाने के बाद भी वह बयान नहीं देते हैं। लेकिन इस बार बिना बयान के मांग के उन्होंने स्वयं से बयान दिया। इससे स्पष्ट है कि वह 5टी सचिव को बचाने के प्रयासों में लगे हैं ।
मुख्यमंत्री ने अपने इस बयान में विरोधी दलों के विधायकों को जन विरोधी बताया। उन्होंने इसे घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस बयान के लिए सदन में माफी मांगें तथा इस शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। इस बीच कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा ने लोक निर्माण मंत्री प्रफुल्ल मलिक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों में बहुत सारी गलत सूचनाएं हैं और इसका लापरवाही के साथ जवाब दिया जा रहा है। इसलिए उन्होंने विभाग के मंत्री के लचर जवाब को देखते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। कांग्रेस विधायक ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने विशेषाधिकार समिति गठित करने की भी मांग की। इस पर विचार करने का आश्वासन विधान सभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने दिया है। वहीं संदन में हंगामा जारी रहने से सदन की कार्यवाही को शाम 4 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष ने मुलतवी घोषित कर दी।