राजनीति

सिंहदेव बोले-मैं घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष नहीं रहूंगा

रायपुर, छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, इस बार वे घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष नहीं रहेंगे। टीएस सिंहदेव ने कहा कि, कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष के रूप में तो मैं नहीं रहूंगा।

उन्होंने कहा कि अब समय उतना नहीं बचा कि सभी से बात हो सके। टीएस सिंहदेव ने कहा कि, मैंने कहा भी है मैं समिति में नहीं रहना चाहूंगा, लेकिन सदस्य के रूप में या फीडबैक देने के लिए मैं हमेशा उपलब्ध हूं। पिछले विधानसभा चुनाव में सिंहदेव ने ही घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने आम लोगों से बात कर कांग्रेस का मेनिफेस्टो तैयार किया था। जिसके बाद चुनाव में कांग्रेस को बंपर जीत मिली थी।

अगली सीरीज में सिलेक्शन हुआ तो खेलेंगे

विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि, पार्टी टिकट देगी तो लड़ेंगे। उन्होंने कहा, मैंने कहा था- अगर मैं टीम में कंट्रीब्यूट कर सकता हूं… तभी खेलूंगा। मैं चाहूंगा कि मेरा सिलेक्शन हो। मुझे लगता है मैं टीम में योगदान दे सकता हूं। अगर सिलेक्शन हुआ तो मैं खेलूंगा। वहीं टीम का वाइस कैप्टन बनने को लेकर टीएस सिंहदेव ने कहा कि, अभी तक के लिए बना हूं… अगली सीरीज के लिए सिलेक्शन होना है। उसमें अगर सिलेक्शन हुआ तो खेलेंगे।

स्वास्थ्यकर्मियों की कुछ मांगें ऐसी, जो पूर नहीं हो सकती

उधर, छत्तीसगढ़ सरकार और 60000 स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच खींचतान जारी है। वजह है 4 जुलाई से जारी इन कर्मचारियों की हड़ताल। इसके चलते स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारी काम पर नहीं जा रहे हैं। ये सभी अपनी 24 मांगों को पूरा करवाने पर अड़े हुए हैं। अब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी चीफ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव का इस हड़ताल को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।

स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि कुछ मांगे ऐसी है जो पूरी नहीं हो सकती, अब स्वास्थ्य कर्मचारी कह रहे हैं कि 12 महीने काम के बदले 13 महीने का वेतन दिया जाए। मैंने कहा कि क्या किसी राज्य में ऐसा हो रहा है, तो उनके पदाधिकारियों ने ही कहा कि ऐसा कहीं नहीं हो रहा, यदि कहीं दूसरे राज्य में हो रहा हो तो हम भी अपनाने की सोचेंगे, मगर ऐसी मांग रखे हैं जो पूरी नहीं हो सकती।

सिंहदेव ने कहा- पुलिस सर्विस से तुलना की जा रही है तो उनकी सेवाएं अलग हैं। स्वास्थ्य सर्विस सेवा में ऐसा कहीं लागू नहीं। सर्विस 62 साल किए जाने की बात है तो इस पर विचार किया जा सकता है। पदनाम बदलने की बात है तो इस पर मैंने विभागीय प्रमुख को कहा है कि अपने स्तर पर इस पर हमें जल्दी फैसला कर लेना चाहिए, तो ऐसी मांगे जो जायज है जिसमें पैसे नहीं लगेंगे बजट का कोई मसला ना हो, ऐसी जायज मांगों को जल्द से जल्द हम पूरा करेंगे, मगर स्ट्राइक उचित नहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button