राजनीति

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सीएम बघेल बोले; ट्रैफिक चालान जैसी हो गई ईडी की कार्रवाई, कर रही थर्ड डिग्री टार्चर

रायपुर, छत्तीसगढ़ में चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और उस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, सड़क पर ट्रैफिक पुलिस खड़ी रहती है चालान बुक लेकर। जो भी आए, उसे पकड़े, चालान काटे और अंदर कर दिए।

या बोलते हैं कोर्ट में जाकर पटाओ। इसी तरह से ईडी वाले हैं। नोटिस जेब में रखे रहते हैं। जिसे मन आया, उसके नाम से नोटिस, वहीं खड़े-खड़े दे दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने धमतरी रवाना होने से पहले मीडिया से कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। थर्ड डिग्री दे रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का मूल एजेंडा ही यही है कि सरकार को काम मत करने दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी वर्ग नहीं है जो सरकार से नाराज हो। कोरोना होने के बावजूद भी किसी वर्ग को यह नहीं लगा कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई है। ईडी वाले तो निरंकुश हो गए हैं। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो सुप्रीम कोर्ट तो है ही। कोर्ट में कपिल सिब्बल ने सही बात कही है कि चुनाव है इसलिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं। वाट्सएप चैटिंग को लेकर लेकर पीट-पीटकर कर्मियों पर दबाव बनाया जा रहा है। आपका नाम लिया तो ईडी वहां पहुंच जाती है। अच्छा हुआ कि भाजपा के नेताओं का नाम नहीं लिया नहीं तो उसके पास पहुंच जाते।

चुनौती देने वाला पहला राज्य बना छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रविधानों की संवैधानिक वैधता को न्यायालय में चुनौती देने वाला पहला राज्य बन गया है। भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत अधिनियम को चुनौती देते हुए मूल वाद दायर किया।यह अनुच्छेद किसी राज्य को केंद्र या किसी अन्य राज्य के साथ विवाद की स्थिति में सीधे उच्चतम न्यायालय का रुख करने का अधिकार देता है। गौरतलब है कि धन शोधन का यह मामला दिल्ली की एक अदालत में 2022 में दाखिल आयकर विभाग के एक आरोपपत्र पर आधारित है।

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