स्वस्थ जीवन का आधार है योग क्रियाएं; आयुष और चिकित्सा विज्ञान की अन्य शाखाओं के संयुक्त शोध पर जोर
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बुधवार को विशेष योग शिविर आयोजित कर योग क्रियाओं को स्वस्थ जीवन का आधार बताया गया। इस अवसर पर 150 से अधिक प्रतिभागियों ने योग की विभिन्न क्रियाओं और दैनिक जीवन में उनके लाभ के विषय में जानकारी प्राप्त की।
आयुष विभाग और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपैथी, आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिविर का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। गंभीर बीमारी की स्थिति में भी योग काफी राहत प्रदान कर सकता है। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान की विभिन्न शाखाओं और आयुष के संयुक्त शोध की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर योग के विभिन्न प्रोटोकॉल, आसन और प्राणायाम के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की गई। चिकित्सा अधिकारी (योग एवं नेचुरोपैथी) डॉ. विक्रम पई के निर्देशन में योग शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता ने योग को भारत की प्राचीन धरोहर बताया। अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के अंतर्गत एक से 21 जून तक विशेष योग प्रोटोकॉल सेशन आयोजित किए गए। इस अवसर पर योग निर्देशन कुंदन कुमार ने भी योग की विभिन्न क्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।