12 साल बाद न्यू स्वागत विहार में हितग्राहियों को प्लाट मिलने का रास्ता साफ; दावा-आपत्ति की जांच पूरी, एक सप्ताह में शासन को सौंपेंगे रिपोर्ट
रायपुर, डूंडा सेज बहार स्थित न्यू स्वागत विहार मामले में आरडीए ने छह माह बाद दावा आपत्ति की जांच पूरी कर ली। एक सप्ताह के भीतर शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। आरडीए की दावा-आपत्ति में खुलासा हुआ है कि बिल्डर ने कई प्लॉट एक से अधिक लोगों को बेच दिया था। दावा आपत्ति में इसका खुलासा होने के बाद आरडीए ने निर्णय लिया है कि जिसकी पहले रजिस्ट्री हुई है, मूल प्लॉट उसे दिया जाएगा, दूसरे नंबर या फिर तीसरे नंबर पर उसी प्लॉट की जिनकी रजिस्ट्री हुई है उन्हें उसी परिसर की दूसरी जमीन दी जाएगी।
आरडीए न्यू स्वागत विहार में शासन की जमीन पर गार्डन बनाने का प्रस्ताव बना रहा है। इससे वहां गार्डन की समस्या दूर हो जाएगी। आरडीए अफसरों की माने तो दावा-आपत्ति के परीक्षण का काम पूरा होने वाला है, एक सप्ताह के भीतर शासन को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
न्यू स्वागत विहार प्रोजेक्ट साल 2009 -10 में आया था। 225 एकड़ में कुल 3189 हितग्राहियों ने रजिस्ट्री तो 100 से अधिक लोगों ने एग्रीमेंट करवाया है। इसमें बोरिया कला, ढूंडा और सेज बहार के तीन गांव शामिल हैं। बिल्डर ने इसमें सरकारी जमीन, आरडीए और प्राइवेट लोगों की जमीन का भी लेआउट पास कराकर लोगों को बेच दिया था। लेकिन गड़बडिय़ों की वजह से जमीन का पजेशन नहीं मिल रहा है।
हितग्राही जमीन लेकर पिछले पिछले आठ साल से भटक रहे हैं। इसमें कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने मकान बनाने के लिए बैंक से लोन लेकर जमीन ली है। लेकिन पजेशन नहीं मिलने की वजह से उनको बैंक के कर्ज के साथ घर का किराया भी पटाना पड़ रहा है। स्वागत विहार मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा आरडीए को सौंपा है। आरडीए ने जांच पूरी कर ली है, इससे अब हितग्राहियों को जमीन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।