15 साल पुराने सरकारी वाहन शनिवार से हो जाएंगे कबाड़; शुरू होगी स्क्रैपिंग, इन वाहनों को छूट
नईदिल्ली, शनिवार से 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रैपिग शुरू होगी। इनमें सभी परिवहन निगमों की बसों और निकायों के वाहन शामिल हैं। इस कदम से करीब 9 लाख खटारा और अनुपयुक्त वाहनों से मुक्ति मिलेगी। इनके स्थान पर साफ-स्वच्छ ऊर्जा से संचालित वाहनों को सरकारी बेड़े में शामिल किया जाएगा। केवल रक्षा, आंतरिक सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था में उपयोग किए जा रहे वाहनों को इससे छूट दी गई है। वैसे देश में रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिग सुविधा केंद्रों (आरवीएसएफ) की कमी इस मुहिम के लिए एक चुनौती बन सकती है। गत वर्ष गडकरी ने 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने का एलान किया था। निजी वाहनों (गैर परिवहन) की फिटनेस टेस्टिग रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण (15 साल बाद) के समय की जाती है।
अनिवार्य फिटनेस टेस्टिंग 18 माह टली
सड़क परिवहन मंत्रालय ने भारी माल और यात्री वाहनों की रजिस्टर्ड आटोमेटेड टेस्टिग स्टेशनों (एटीएस) में अनिवार्य फिटनेस जांच को 18 महीने यानी एक अक्टूबर 2024 तक टाल दिया है। इसके पहले मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2023 से सभी भारी माल तथा सवारी वाहनों की एटीएस के जरिये फिटनेस टेस्टिग अनिवार्य होगी। हालांकि मध्यम श्रेणी के माल तथा यात्री वाहनों और कारों की एटीएस के जरिये अनिवार्य फिटनेस टेस्टिग एक जून 2024 से अनिवार्य होगी।
मेकेनिकल जांच में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं
मंत्रालय ने कहा है कि देश में एटीएस की तैयारी के मौजूदा स्तर को देखते हुए भारी माल तथा यात्री वाहनों की अनिवार्य फिटनेस टेस्टिग को फिलहाल टालने का फैसला किया गया है। एटीएस में एक वाहन की मेकेनिकल उपकरणों के माध्यम से फिटनेस जांच की जाती है, जिसमें हेरफेर की गुंजाइश नहीं होती है। मंत्रालय ने 2021 में कहा था कि राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों को निजी तथा परिवहन वाहनों की जांच के लिए एटीएस खोलने की अनमुति दी जाएगी।