कानून व्यवस्था

20 साल बाद भी नक्सली दहशत; चुनाव आचार संंहिता के बाद भी बीजापुर जिले की दुकानें बंद, बसों के थमे पहिए

जगदलपुर,  छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बीच बीजापुर में 20 सालों बाद बड़े पैमाने पर नक्सलियों का दहशत नजर आया. हार्डकोर नक्सली नागेश पदम के एनकाउंटर के विरोध में नक्सली संगठन ने आज बीजापुर बंद बुलाया है, जिसका अच्छा खासा असर सुबह से देखने को मिल रहा है। सभी दुकानें बंद हैं। बसों के पहिए भी थम गए हैं।

नक्सलियों के बंद के चलते रायपुर, जगदलपुर, तेलंगाना, महाराष्ट्र और तेलंगाना जाने वाली यात्री बसों के पहिये बीजापुर में थमी है। सभी यात्री बसें दहशत के कारण बस स्टैंड में खड़ी है. अंदरूनी इलाकों में भी यात्री गाड़ियां नहीं चल रही है।जिला मुख्यालय से लेकर जिले के तमाम नगर कस्बों में नक्सली चेतावनी के मद्देनजर आज सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठानें बंद है।

लंबे समय बाद बीजापुर में एक बार फिर नक्सलियों द्वारा आहूत बंद असरकारक नजर आ रहा है. हालांकि बंद के मद्देनजर जिले में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध जरूर किए गए हैं। बाबजूद बुधवार शाम नक्सलियों ने बीजापुर-जगदलपुर नेशनल हाइवे पर मार्ग अवरोध कर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं। ऐसे चुनाव के बीच नक्सलियों के तेज मूवमेंट से इनकार नहीं किया जा सकता है।17 अक्टूबर को एक बड़े ऑपरेशन में मद्देड़ एरिया कमेटी कमांडर नागेश को पुलिस ने ढेर किया था। नागेश के विरुद्ध 108 स्थायी वारंट होने के साथ उस पर 8 लाख का इनाम भी घोषित था. एनकाउंटर से नक्सली संगठन बौखलाया हुआ है।

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