स्वास्थ्य

AIIMS; एम्स में रिनल हाइपरटेंशन रोगी का पहला किडनी ट्रांसप्लांट, युवती दो वर्षों से रिनल हाइपरटेंशन से पीड़ित थी, मां ने दान की किडनी

रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में रीनल हाइपरटेंशन की रोगी 25 वर्षीय युवती को सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। यह पहली बार है जब रीनल हाइपरटेंशन के रोगी का संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। अभी तक किडनी के गंभीर रोगियों को ट्रांसप्लांट किए गए हैं। इसके साथ ही एम्स ने अब तक 25 किडनी सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट करके उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है।

कोरबा की रहने वाली 25 वर्षीय युवती को एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग में किडनी के सामान्य रूप से कार्य न करने पर उपचार के लिए भर्ती किया गया था। यहां जांच में ज्ञात हुआ है कि युवती दो वर्षों से रीनल हाइपरटेंशन से पीड़ित है और उसे तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है। प्रारंभ में उसे हफ्ते में तीन बार डायलिसिस की जरूरत थी। उसका ब्लड प्रेशर भी 150 से 250 एमएमएचजी रहता था जिससे उसे हृदय संबंधी या न्यूरो की बीमारी हो सकती थी।

युवती की गंभीर हालात को देखते हुए मां किडनी देने को तैयार हो गई। इसके बाद विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गए जिसने लेप्रोस्कोपिक तकनीक की मदद से कार्य नहीं कर रही किडनी को हटाकर नई किडनी ट्रांसप्लांट की। यह ऑपरेशन जटिल था परंतु एम्स के नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी और एनेस्थिसिया विभाग के चिकित्सकों ने मिलकर सफल ट्रांसप्लांट किया।

नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर ने बताया कि जल प्रदूषण, तनाव और बदलती दिनचर्या की वजह से युवा वर्ग में रीनल हाइपरटेंशन के रोगी बढ़ रहे हैं। उन्होंने तनावमुक्त जीवनशैली अपनाने, प्रदूषित जल से बचने और जंक फूड न खाने की सलाह दी। कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने सफल ट्रांसप्लांट के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है।

एक अन्य ट्रांसप्लांट में भिलाई के 45 वर्षीय रोगी को कैडेवर किडनी का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया। यह रोगी तीन वर्ष से किडनी के गंभीर रोग (सीकेडी) से पीड़ित था और नियमित डायलिसिस की जरूरत पड़ रही थी। किडनी मिलने के बाद अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेगा। इन दोनों रोगियों को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

अभी तक एम्स में 25 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। ट्रांसप्लांट करने वाली टीम में डॉ. अमित शर्मा, डॉ. दीपक कुमार बिस्वाल, डॉ. सत्यदेव शर्मा, डॉ. सुब्रता कुमार सिंघा, डॉ. मयंक कुमार, डॉ. जितेंद्र, डॉ. रोहित, डॉ. ज्योति अग्रवाल, नर्सिंग ऑफिसर रामनिवास, बी. किरन, सोनू, विशोक और विनिता शामिल हैं।

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