राजनीति

राजभवन से आरक्षण विधेयक लौटाए जाने की खबर निकली झूठी; मंत्री चौबे ने दे दिया था ये बयान

रायपुर,  छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को 76 फीसदी आरक्षण दिए जाने संबंधी पारित संशोधन विधेयक राजभवन से लौटाए जाने की खबर झूठी निकली। विधेयक लौटाए जाने की खबर पर राजभवन के पीआरओ का कहना है कि हमारी ओर से बिल वापस करने को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी है, और आरक्षण बिल वापस किया गया ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

इधर, राज्यपाल द्वारा आरक्षण विधेयक वापसी की खबर से संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने भी इनकार किया है। मंत्री चौबे ने मीडिया में विधायक वापसी को लेकर चल रही खबरों को भ्रामक बताया है। उन्‍होंने कहा, मीडिया की खबरों के आधार पर प्रतिक्रिया दी थी। विधेयक वापसी पर अधिकृत जानकारी राज्यभवन ही दे पाएगा।

बतादें कि इंटरनेट मीडिया पर ऐसी खबरें वायरल हो गई, जिसमें बताया गया कि राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने भूपेश बघेल सरकार को आरक्षण संशोधन विधेयक को वापस लौटा दिया है।आरक्षण संशोधन विधेयक लौटाए जाने की खबर फैलते ही बयानबाजी भी तेज हो गई। मंत्री रविंद्र चौबे और कवासी लखमा के साथ सांसद सुनील सोनी ने भी बयान दिया था।

बतादें कि राज्य विधानसभा ने दो दिसंबर को आरक्षण संशोधन विधेयक (Reservation Amendment Bill) सर्वसम्मति से पास किया था और उसे पांच मंत्रियों ने राज्यपाल को सौंपा था।

आरक्षण पर राज्यपाल बोले- सीएम से पूछें, बघेल बोले- भाजपा आरक्षण के खिलाफ

इससे पहले कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में शामिल होने पहुंचे राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन से जब मीडिया ने आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। हरिचंदन ने कहा कि यह राजनीतिक मामला है, इस बारे में मुख्यमंत्री से पूछें। राज्यपाल के बयान के बाद जब मीडिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया तो उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा था।

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