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भारत की क्रिकेटर बेटियों का स्वर्ण पदक …………    

चीन में चल रहे एशियाई खेलो में इस बार सीमित 20 ओवर के क्रिकेट को भी खेल के रूप में शामिल किया गया था। चार महत्वपूर्ण टीम भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के अलावा 4 अन्य टीम के रूप में मलेशिया, इंडोनेशिया, हॉंगकॉंग औऱ इंडोनेशिया को स्थान मिला था। जिन्हें  सीधे क्वार्टरफाइनल में  चार प्रमुख देशों के साथ खेलना था। वर्षा ने भारत को  एशिया में नंबर एक रैंकिंग होने का  फायदा मिला। वैसे भी मलेशिया की टीम 15 ओवर में 174 रन नही बना सकती थी। सेमीफाइनल में  भारत ने बांग्लादेश को 50 रन में समेट कर 8 विकेट से जीत हासिल की। दूसरी तरफ 2010 औऱ 2014 के एशियाड विजेता पाकिस्तान न केवल श्रीलंका से सेमीफाइनल में हारा बल्कि तीसरे स्थान के लिए बांग्लादेश से जीत न सका।।                                   भारत के पहले दो मैच में बतौर सज़ा के रूप में निलंबित कप्तान हरमन प्रीत कौर की वापसी हुई। पहले दो मैच की विजेता कप्तान स्मृति मांधना  औऱ जेमिमाह रोड्रिक्स ने  महत्वपूर्ण साझेदारी कर 81 रन जोड़े इन्ही के खातिर भारत 20 ओवर में116 रन जोड़ सकी।श्रीलंका को भारतीय टीम ने शुरू से नियंत्रण में रखा था। पावर प्ले में रन ही नही रोके बलिक  नवोदित तेज़ गेंदबाज साधु टेटे ने 3 विकेट लेकर श्रीलंका को दबाव में ले आयी। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने गेंदबाजी औऱ फिल्डिंग में निगाहे जमाये रखी जिसके कारण श्रीलंका भारत के लक्ष्य से 19 रन पीछे रह गया। भारतीय गेंदबाज़ों ने  अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए भारत को  गोल्ड मैडल दिला दिया। ये जीत महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता है।।       क्रिकेट को वैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में कम अवसर मिले है। 1900 के ओलंपिक खेल,1998 और 2022  में राष्ट्रमंडल खेल और एशियाड खेलो में 2010 औऱ 2014 के बाद 2023 में फिर शामिल किया गया है। भारत ने इनमें  भाग नही लिया था। पहली बार शामिल होकर गोल्ड मैडल जीतना बड़ी बात है।  भारत की उपकप्तान स्मृति मांधना ने इस उपलब्धि को देश के राष्ट्रीय ध्वज के चढ़ने औऱ राष्ट्रीय गीत  का गान से जोड़ते हुए अभिमान औऱ गर्व महसूस करने की स्वीकारोक्ति की है। आज देश इन बेटियों के प्रदर्शन से अभिभूत है। 140 करोड़ बधाई ……….

स्तंभकार-संजयदुबे

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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