कानून व्यवस्था

LAW; नए कानूनों को लागू करने के लिए ट्रेनिंग और तकनीक जरूरी, जयपुर में तीन दिवसीय DG-IG सम्मेलन में बोले गृह मंत्री शाह

 नई दिल्ली, एजेंसी, औपनिवेशिक कानूनों की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को अमल में लाने के लिए ट्रेनिंग और तकनीकी उन्नयन दोनों जरूरी है। जयपुर में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नए कानूनों को लागू करने के लिए एसएचओ से लेकर डीजीपी तक की ट्रेनिंग और थाना से लेकर पुलिस मुख्यालय तक में तकनीक के उन्नयन पर बल दिया।

उन्होंने 2023 में नए कानूनों और नई शिक्षा नीति को अमित शाह ने देश के अमृत काल में प्रवेश करने की दिशा में अहम बताया। अमित शाह ने फिजिकल और वर्चुअल दोनों मोड पर हो रहे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश को सुरक्षा के लिए नई उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार होना होगा।

इसके लिए उन्होंने अपराध से जुड़े डाटा का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से विश्लेषण करने और उसके अनुरूप रणनीति बनाने पर जोर दिया। देश में आंतरिक सुरक्षा के मौजूदा हालात का ब्यौरा देते हुए अमित शाह ने कहा कि 2014 के बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती बने तीनों क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर, नक्सल और पूर्वोत्तर के उग्रवाद से जुड़ी हिंसा में तीन-चौथाई गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशकों का सम्मेलन सुरक्षा की नई रणनीति बनाने की दिशा में थिंकटैंक के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी राज्यों की क्षमता और कौशल में समानता होनी चाहिए और पुलिस महानिदेशकों को इसके लिए काम करना चाहिए।

तीन दिन तक चलने वाले सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार और रविवार को शिरकत करेंगे और पुलिस महानिदेशकों को संबोधित भी करेंगे। इस दौरान अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। बैठक में सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा विभिन्न रैंक के लगभग 500 पुलिस अधिकारी वर्चुअल मोड पर इससे जुड़ेंगे।  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button