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सानिया मिर्ज़ा की जिंदगी …..

 जिंदगी है खेल कोई पास कोई फेल खिलाड़ी है कोई अनाड़ी है कोई -ये गाना मुझे सानिया मिर्जा की जिंदगी से जुड़ा हुआ गाना तब लगा जब उनके पारिवारिक जीवन में  उनके पाकिस्तानी पति क्रिकेटर शोएब मलिक ने  तीसरा निकाह पढ़ लिया। सानिया की जिंदगी में आने से पहले भी सोहेब  विवाहित थे और उससे पीछा छुड़ा कर सानिया मिर्जा से जुड़े थे।

सामान्य व्यक्ति के साथ विवाह फिर विच्छेद की घटना सुर्खियों में नही होती है लेकिन वे लोग जो प्रेरणा स्रोत होते है उनके जीवन में ऐसा होता है तो किंतु परंतु खोजे जाते है। पाकिस्तान से भारत के संबंध 1947से असामान्य है क्योंकि नादानी में बना देश  अपनी कट्टरता के चलते बाज नहीं आता है। तीन बार हार के बाद पाकिस्तान ने आतंकवादियों के जरिए देश में  अपनी शत्रुता को अंजाम दिया है। इस कारण दोनो देश के नागरिकों के  बीच कटुता चरम पर रहती है।

 क्रिकेट और हॉकी में एक समय पाकिस्तान भारत पर पाकिस्तान भारी पड़ता था ।उस दौर में भारत की हार पर भारत में जश्न और पाकिस्तान के हारने पर मातम पीटा जाता था । दोनो देश के बीच के खेल संबंध खत्म हो चुके है ।केवल अंतराष्ट्रीय टर्नामेंट में ही दोनो देश एक दूसरे के सामने होते है। बदली परिस्थिति में पाकिस्तान की क्रिकेट और हॉकी की टीम बहुत कमजोर हो चुकी है और भारत मजबूत हो चला है इस कारण जश्न भारत और मातम पाकिस्तान में होता है। केंद्र में भाजपा के आने के बाद देश के भीतर  पाकिस्तान प्रायोजित चल रहे खेल भी बंद हो गए है।  ऐसी  परिस्थिति में सानिया मिर्जा का निकाह सोएब मलिक  के साथ पढ़ा गया था तो देश में नाराजगी का दौर चला था। चुकीं मामला व्यक्तिगत था इस कारण समय रहते ठंडा भी पड़ गया

 2010में सानिया मिर्जा और सोहेब मलिक का निकाह दोनो देशों के लिए चर्चा का विषय बना।  सोहेब पाकिस्तान के स्थापित क्रिकेटर  थे और सानिया  भारत की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थी। सानिया प्रगतिशील महिला थी और मुस्लिम कट्टरता के खिलाफत कर महिला सशक्तिकरण  का पर्याय थी।टेनिस खेल में महिलाओ के ड्रेस पश्चिमी सभ्यता के अनुसार बनी हुई है।  शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से के लिए छोटे छोटे  कपड़े होते है। नकाब के भीतर महिलाओ की पैरवी करने वालो को सानिया का जवाब था कि कोर्ट में खेल देखने आइए,कपड़े नही।

 भारत के खेल प्रेमी सानिया के खेल के प्रसंशक रहे है । देश में वे पहली महिला टेनिस  खिलाड़ी है जिनकी उपलब्धि अचरज में डालती है। जिस देश में पुरुषो के टेनिस खेल में नाम उंगलियों में गिनने लायक हो उस देश में एक महिला का एक दशक तक अपना साम्राज्य बनाना मायने रखता है। 2009 आस्ट्रेलियन , 2012में फ्रेंच ओपन सानिया2014में अमेरिकी ओपन जीत कर सानिया मिर्जा ने भारत का नाम रोशन किया था। 2015 में ऑस्ट्रेलियन और अमेरिकी ओपन जीत कर वे पहली भारतीय बनी थी। एशियाई खेलों में दो गोल्ड,तीन सिल्वर, और तीन ब्रांज मेडल उनके खाते में है।

देश ने उन्हें सम्मानित करने में कभी पीछे नहीं रहा। 2005मेअर्जुन पुरस्कार,2006में पद्म श्री,2015 मे मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार और 2016में पद्म भूषण से वे समम्मित हुई। हमारे लिए सानिया मिर्ज़ा देश की है, देश की खिलाड़ी है।आज उनका पारिवारिक जीवन दो राहे पर है तो भी देश उनके साथ है। पाकिस्तान के दो क्रिकेट खिलाड़ी धोखेबाज की श्रेणी में खड़े हो गए है। पहले मोहसिन खान थे जिन्होंने अभिनेत्री  रीना रॉय से निकाह पढ़ा था बाद में मोहसिन खान भी ऐसे ही निकले। कुछ चांवल के दाने से बोरे के सारे चांवल के अनुमान निकाले जा सकते है।

स्तंभकार-संजय दुबे

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