30 फीसदी नए युवाओं पर दांव खेल सकती है भाजपा; टिकट वितरण में चलेगा मजबूत पकड का फार्मूला
रायपुर, छत्तीसगढ़ भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 में जीत की रणनीति बनाने के साथ-साथ अपने उम्मीद्वारों के चयन में भी जुटी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो 30 प्रतिशत नए युवा चेहरों पर पार्टी दांव खेल सकती है। इससे सत्ता वापसी के साथ छत्तीसगढ़ भाजपा पीढ़ी परिवर्तन का अवसर भी तलाश रही है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। उसमें भी यह माना जा रहा है कि टिकट वितरण में चूक हुई थी। इस बार रणनीति सफल रही तो टिकट 30 से 45 साल तक के दावेदारों को दिया जाएगा, जिससे पार्टी के प्रति युवाओं का रुझान और उनके लिए अवसर बढ़ाए जा सके। वर्तमान के 14 विधायकों में नौ विधायकों की रिपोर्ट खराब बताई जा रही है। इनमें पांच ही ऐसे विधायक हैं जिन पर दोबारा दांव खेलने की स्थिति है।
इधर, टिकट के लिए सही प्रत्याशी चयन को लेकर चल रहे सर्वे के बीच प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से नए उम्मीद्वारों ने भी दावेदारी शुरू कर दी है। पार्टी भी बूथ स्तर पर दावेदारों की कुंडली खंगाल रही है। सर्वे लगातार जारी है, जिनकी छवि को लोग अधिक पसंद करेंगे, उनकी पैठ गहरी मानी जाएगी। इसे विभिन्न माध्यम से क्रास चेक भी किया जा रहा है। हालांकि पार्टी के शीर्ष नेताओं का कहना है कि एज फैक्टर की जगह पैठ फैक्टर काम आएगा।
छत्तीसगढ़ भाजपा के सह प्रभारी नितिन नबीन का मानना है कि पार्टी उन्हीं लोगों को टिकट देगी जिनकी पैठ जमीन स्तर पर सबसे अधिक है और इसका आकलन भी हो रहा है। इसके पहले छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी ओम माथुर ने भी पत्रकारों से कहा था कि जिताऊ प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा जाएगा।
बागियों से निपटना बड़ी चुनौती
राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो भाजपा को आदिवासी नेता नंद कुमार साय के कांग्रेस प्रवेश करने के बाद तगड़ा झटका लगा है। लिहाजा, पार्टी को अब अन्य बागियों का भी डर सता रहा है। इसके लिए भाजपा अब पुराने व वरिष्ठ नेताओं को भी विश्वास में लेकर चलने की दरकार है। पार्टी ने पुराने और बड़े चेहरों को लेकर भी दोबारा मूल्यांकन शुरू किया है।