जगदलपुर, छत्तीसगढ के बस्तर अंचल के कांकेर जिले में पखांजूर के पीवी 31 के पास से दुर्लभ वन्य प्राणी पेंगाेंलिन की खाल के रुप में पाये जाने वाले पेंगोलीन सिल्क को बेचने के फिराक में घूम रहे मोटर सायकल सवार 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया है। चारों युवकों को अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्य होने का संदेह है। आराेपी सुधीर रामजी रामटेके निवासी ग्राम रामनगर जिला गढ़चिरौली महाराष्ट्र, विजय मंडल निवासी ग्राम पीव्ही 125 बैकुंठपुर, जिला कांकेर छत्तीसगढ़, राधाकृष्ण सरकार निवासी ग्राम शाखेरा, जिला गढ़चिरौली महाराष्ट्र एवं अनिल रिसेश्वर कुमरे निवासी सावरगांव जिला गढ़चिरौली महाराष्ट्र के कब्जे से 13.162 किलो पेंगोलीन सिल्क बरामद किया गया है।
पेंगोलीन सिल्क की अनुमानित कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में लाखों की बताई जा रही है। वनमण्डल अधिकारी पश्चिम भानुप्रतापपुर हेमचंद पहारे ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पतासाजी के दौरान चार तस्करों को पेंगोलीन सिल्क के साथ रंगे हाथ पकड़ने में सफलता मिली हैं। इस गिरोह के अन्य साथियों की गिरफ्तारी होने की भी सम्भवना हैं। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 51 और 52 के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही के उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, पखांजूर के आदेशानुसार आरोपियों को शनिवार काे न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया। मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) के निर्देशानुसार उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन और पश्चिम भानुप्रतापपुर वनमंडलाधिकारी हेमचंद पहारे के नेतृत्व में वनमण्डलाधिकारी भानुप्रतापपुर, एसडीओ कापसी ने रेंजर देवदत्त तारम की संयुक्त टीम के साथ धरपकड की कार्र्वाई की।