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AI सर्च इंजन से न्यूज वेबसाइट्स और ब्लॉग्स को भारी नुकसान, ट्रैफिक में 96% की कमी!

दिक्कत

नई दिल्ली, AI आधारित सर्च इंजन जैसे OpenAI, Perplexity और Google के बढ़ते उपयोग से डिजिटल न्यूज वेबसाइट्स और ब्लॉग्स को भारी नुकसान हो रहा है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक Google सर्च की तुलना में AI सर्च इंजन से न्यूज साइट्स को 96% कम रेफरल ट्रैफिक मिल रहा है.

AI कंपनियों द्वारा वेबसाइट डेटा स्क्रैपिंग में बढ़ोतरी

TollBit द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि 160 से अधिक न्यूज वेबसाइट्स और ब्लॉग्स पर AI कंपनियों ने 2024 की चौथी तिमाही में 20 लाख बार स्क्रैपिंग की.

हर वेबपेज को औसतन 7 बार स्क्रैप किया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI, Perplexity और Meta जैसी कंपनियां इन वेबसाइट्स से डेटा इकट्ठा कर अपनी AI मॉडल्स को ट्रेन कर रही हैं.

AI बॉट्स और ट्रांसपेरेंसी की समस्या

AI कंपनियां वेब क्रॉलर और AI बॉट्स के जरिए डेटा स्क्रैप करती हैं, लेकिन अधिकतर वेबसाइट मालिकों को इसकी जानकारी नहीं होती.
Perplexity AI ने एक वेबसाइट को 500 बार स्क्रैप किया, लेकिन सिर्फ 10,000 रेफरल ट्रैफिक भेजा. कुछ AI कंपनियों पर robots.txt प्रोटोकॉल का पालन न करने का भी आरोप है.

पब्लिशर्स को बढ़ते सर्वर कॉस्ट का सामना

TollBit के CEO Toshit Panigrahi के अनुसार, AI बॉट्स की वजह से न्यूज वेबसाइट्स और ब्लॉग्स का सर्वर लोड बढ़ रहा है, जिससे ऑपरेशनल कॉस्ट में इजाफा हो रहा है.
Panigrahi ने कहा, “AI इंसानों की तरह कंटेंट नहीं पढ़ता. एक इंसान 1-2 लिंक पर क्लिक करेगा, जबकि AI एक सवाल का जवाब ढूंढने के लिए 10-20 लिंक पढ़ता है.”

AI Search Engine से ट्रैफिक में गिरावट जारी

टेक रिसर्च फर्म Gartner की रिपोर्ट के अनुसार, AI चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट के बढ़ते उपयोग से 2026 तक वेबसाइट ट्रैफिक में 25% की गिरावट आ सकती है.
अमेरिकी एडटेक कंपनी Chegg ने Google के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिसमें दावा किया गया कि Google के AI Overviews फीचर की वजह से जनवरी 2025 में उनकी वेबसाइट का ट्रैफिक 49% तक गिर गया.

क्या AI सर्च इंजन न्यूज इंडस्ट्री के लिए खतरा बनेंगे?

AI कंपनियां दावा करती हैं कि उनके सर्च इंजन वेबसाइट्स को नए पाठक देंगे, लेकिन डेटा कुछ और ही कहता है. अगर AI सर्च इंजन वेबसाइट्स के रेफरल ट्रैफिक को कम करते रहे, तो न्यूज और ब्लॉग इंडस्ट्री के लिए यह बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.

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