कृषि

FARMING;मानसून की बेरूखी के बीच फसल बचाने की जद्दोजहद, बिजली अवरोध के चलते फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे किसान

रायपुर ,छत्तीसगढ़ में अब तक 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कम बारिश के कारण अब तक 50 लाख हेक्टेयर के कुल रकबे में से 23 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। कम बारिश के कारण किसान बुआई करने से घबरा रहे हैं। प्रदेश के 11 जिलों में ही सामान्य वर्षा हुई है। इसमें से सरगुजा-बेमेतरा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां सबसे कम बारिश हुई है। 17 जिलों औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है, जिसकी वजह से किसानों की चिंता ज्यादा बढ़ चुकी है।

छत्तीसगढ़ के बालोद, बस्तर,दंतेवाड़ा, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, जशपुर, कांकेर, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, मनेंद्रगढ़, मोहला-मानपुर चौकी,राजनांदगांव, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़,सूरजपुर जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है। बलौबाजार, बलरामपुर, बीजापुर, बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, जांजगीर, खैरागढ़-छुईखदान, मुंगेली,नारायणपुर, रायगढ़, सुकमा आदि जिलों में सामान्य वर्षा हुई है।सबसे कम वर्षा बेमेतरा, सरगुजा दर्ज हुई है। एक जून से 10 जुलाई की स्थिति में प्रदेश में सामान्य वर्षा- 309.7 मिमी. एवं वास्तविक वर्षा-218.6 मिमी. दर्ज हुई है।

इधर मानसून की बेरुखी के चलते किसान सांसत् में हैं । बरसाती पानी के भरोसे खेती करने वाले किसान तो आसमान की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं पर जिन किसानों के पास स्वयं के सिंचाई साधन है वे विद्युत अवरोध की वजह से परेशान हैं । शाम ढले से देर रात तक अघोषित विद्युत अवरोध की वजह से किसानों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है । ऐसे किसानों की समस्या व आक्रोश को लेकर  किसान  नेता पारस नाथ साहू ने एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन आरंग के अनुविभागीय अधिकारी पुष्पेन्द्र शर्मा को सौंप विद्युत अवरोध बंद नहीं किये जाने पर आंदोलनात्मक रुख अपनाने की चेतावनी दी है । इस पर ध्यानाकर्षण कराये जाने पर आरंग पहुंचे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने भी साथ जाकर अनुविभागीय अधिकारी से किसानों के इस जायज मांग से विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अविलंब सूचित कर इस समस्या से निजात दिलाने का प्रबंध कराने का आग्रह किया है ।

पानी के अभाव में खेत में दरार, बेफ़िक्र है सरकार – अमित

सिंचाई के साधन का अभाव और पानी की कमी की वजह से छत्तीसगढ़ के विभिन्न ज़िलों से खेतों में दरार पड़ने की खबर आने से चिंता व्यक्त करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री मेरे पिताजी स्वर्गीय अजीत जोगी ने मात्र 3 साल से भी कम के अपने शासन काल में छोटे किसानों और सब्जी उत्पादक किसानों को सिंचाई समस्या का हल देने के लिए 20 हजार गांव में छोटी डबरिया बनवाई। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन योजना चलाई जिससे धान के साथ दलहन तिलहन की पैदावार के साथ साथ किसानों की आमदनी बढ़ी। उन्होंने नहर का निर्माण शुरू किया एवं उसे नदी से जोड़ने की शुरुआत की। गांव में डबरियों में पानी होने से जलस्तर बरकरार रहता है।अमित जोगी ने कहा दो दशक बाद आज भी हमारे प्रदेश के किसानों को खेती के लिए बरसात के पानी का इंतजार करना पड़ रहा है जो चिंतनीय है। उस समय टेक्नोलॉजी की कमी और कम बजट जैसी तमाम परेशानियों के बावजूद भी उस तीन साल के विकास की रफ्तार बाकी की तीन सरकारें दो दशक बाद भी मेंटेन नहीं कर पाई। सरकार में हर साल बजट पेश किए जाने का प्रावधान होता है। आज की सरकारें अपने हर साल के बजट के प्रावधानों को पूरा करने की प्राथमिकता की बजाय 2047 में विकास होने का सपना दिखाकर जनता को झांसा देती है।

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