PROTEST;डीए एरियर्स सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर फेडरेशन का अल्टीमेटम, 28 जुलाई तक पूरी करें मांग वर्ना….
रायपुर, महंगाई भत्ता और एरियर्स की मांगों को लेकर अब कर्मचारी संगठन उग्र होता जा रहा है। कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने डीए और एरियर्स को लेकर सरकार को अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने चीफ सेकरेट्री को ज्ञापन सौंपा है। कमल वर्मा ने कहा है कि अगर शासन ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं किया, तो 28 जुलाई को फेडरेशन बड़ी बैठक आयोजित करेगा, जिसमें आंदोलन का निर्णय लेगा।कमल वर्मा ने कहा कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की तरफ से महंगाई भत्ता, लंबित एरियर्स और अन्य मांगों को लेकर लगातार पत्राचार कर रहा है, लेकिन शासन की तरफ से इस संदर्भ में कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने से कर्मचारियों के अहित से जोड़ते हुए कहा है कि शासन की बेरुखी से कर्मचारी संगठनों में काफी आक्रोश है। फेडरेशन ने कहा है कि मांगों को लेकर यदि समाधानकारक निर्णय नहीं लिया गया तो कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने आगामी बैठक में 28 जुलाई 24 को आंदोलन का निर्णय लेने बाध्य होगा।
चार सूत्री मांगें
- भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 24 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।
- भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
- केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।
- भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित प्रकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए। शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर बीएड-डीएड के अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन प्रदेश में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है. नए शिक्षा सत्र के साथ-साथ नई शिक्षा नीति 2020 को साय सरकार ने लागू करने का एलान किया है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि प्रदेश के स्कूलों में अभी भी 60 हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इसकी जानकारी विधानसभा के मुख्य बजट के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने देते हुए शिक्षकों के 33000 पदों पर भर्ती की घोषणा विधानसभा के माध्यम से की थी. उनके इस घोषणा पर आजतक प्रदेश सरकार ने कोई भी पहल नही की है और ना ही उन पदों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. यहां तक कि उन पदों पर भर्ती के लिए अब तक कोई प्रस्ताव भी कैबिनेट में नहीं लाया गया है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड व बीएड संघ के सदस्य रायपुर तूता मैदान पर लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने आज सोमवार को भी एकदिवसीय धरना और विधानसभा का सांकेतिक घेराव किया.
संविदाकर्मियों का अभी नियमितिकरण नहीं, विधानसभा में जवाब
अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण के लिए अभी इंतजार करना होगा। शासन स्तर पर नियमितिकरण को लेकर अभी कोई कार्ययोजना नहीं बनी है। विधानसभा में सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जानकारी दी है कि अभी संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं है। अभी तक किसी संविदाकर्मियों को नियमित भी नहीं किया गया है।विधानसभा में विधायक रामकुमार यादव और योगेश्वर राजू सिन्हा ने अनियमित कर्मचारियों का मुद्दा उठाया था। दोनों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने यही जवाब दिया है।