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ELEPHANT DAY; हाथियों से होने वाली क्षति के मुआवजे में बढ़ोत्तरी करने केंद्रीय वन मंत्री यादव से की मांग

रायपुर, राजधानी में वर्ल्ड एलिफेंट डे पर समारोह का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, सांसद बृजमोहन अग्रवाल और प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए। समारोह में मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री यादव से हाथियों के कारण खेतों में होने वाली क्षति के मुआवजे में बढ़ोत्तरी करने की मांग की।समारोह में मानव हाथी द्वन्द और हथियो के संरक्षण के लिए काम करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विश्व हाथी दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का बड़ा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ में हो रहा। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव का हम स्वागत करते हैं। छत्तीसगढ़ का हाथियों के साथ पुराना नाता है। भागवत पुराण में जिस गज मोक्ष का जिक्र होता है। वहां हमारे राजिम के गजेंद्र मोक्ष का भी जिक्र है। मैं जिस क्षेत्र से आता हूं वह हाथियों से पीड़ित है। पहले मनुष्य और हाथियों के बीच द्वंद होता था, जिसकी वजह से नुकसान बहुत उठाना पड़ा। हमारी सरकार इस दिशा में बेहतर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से हाथियों के कारण खेती में होने वाली क्षति के मुआवजे में बढ़ोत्तरी करने का आग्रह किया। सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में हाथी पाए जाते हैं। हाथी 25-30 के झुंड में फसलों को खाने खेतों में आ जाते हैं, लेकिन हाथी फसलों को खाने से ज्यादा उसे क्षति पहुंचते हैं, जिसके लिए मुआवजा काफी कम है।

समारोह में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हमारे देश में प्रोजेक्ट एलीफेंट को 31 वर्ष हो चुका है। पूरे देश में 33 टाइगर रिजर्व है। नए हाथी रिजर्व भी बनाया जा रहा है। मानव हाथी द्वंद को रोकने मार्ग चिन्हांकित किया गया है। जल्द ही हाथी पास- वे बनाया जाएगा। हाथी के चलने से जो कंपन होता है, उसके लिए एप बनाया गया है।

समारोह में प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने उद्धबोधन में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को धन्यवाद देते हुए कहा कि वर्ल्ड एलीफ़ेंट डे के कार्यक्रम के लिए छत्तीसगढ़ को चुना। हमारा प्रदेश वन्य जीवों के विचरण का भी बड़ा क्षेत्र है। हमारे वनों को किस तरह से बढ़ाया जाए, इन सभी विषयों पर बात की गई है। इसलिए एक वृक्ष मां के नाम अभियान चलाकर प्रदेश में लाखों पेड़ लगाने का संकल्प लिए है।

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