HC;छत्तीसगढ़ में एक भी साइबर क्राइम एक्सपर्ट नहीं, हाई कोर्ट ने कहा- जल्द नियुक्ति करें
साइबर अपराध

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में लगातार साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन विडंबना है कि प्रदेश में एक भी साइबर क्राइम एक्सपर्ट नहीं है। दरअसल, आईटी एक्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का कोई एक्सपर्ट- परीक्षक नहीं होने को लेकर जनहित याचिका लगाई गई है। इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि गंभीर चिंता का विषय है। जहां साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, ऐसे एक्सपर्ट की नियुक्ति बिल्कुल जरूरी है। अब इस मामले पर 10 मार्च को सुनवाई होगी।
जानकारी के अनुसार शिरीन मालेवर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है, इसमें बताया कि राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79-ए के तहत कोई परीक्षक/विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं की गई है। देश भर में 16 जगह पर एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है। यह नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। हाई कोर्ट से नियुक्ति को लेकर आदेश जारी करने की मांग की गई।
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद दिए गए आदेश में कहा है कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है। आजकल छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है और ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति जरूरी है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार नियुक्ति के लिए तत्काल कदम उठाएगी। हाई कोर्ट ने प्रदेश में ऐसे एक्सपर्ट की नियुक्ति की जानकारी को लेकर शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश केंद्र सरकार को दिए हैं।