
मुम्बई,एजेंसी, महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में यह हो क्या रहा. अब तो महायुति में ही दरार दिख रही है. देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे में खटपट है. खटपट से अधिक तो कोल्ड वार है. दोनों एक-दूसरे से नाराज बताए जा रहे हैं. शिंदे ही सबसे अधिक खलबली मचाए हुए हैं. कभी वह देवेंद्र फडणवीस की बैठक से गायब रहते हैं तो कभी कुछ अलग फैसला कर लेते हैं. मगर अबकी बार हलचल देवेंद्र फडणवीस ने मचाई है. बीते कुछ दिनों के संकेत बता रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच जमकर कोल्ड वार हो रही है. अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच कोल्ड वार यानी शीतयुद्ध सोमवार को एक नए मोड़ पर आ गया. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे गुट वाली शिवसेना के 20 से ज्यादा नेताओं की सुरक्षा हटा दी है.
दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग है. इसी गृह विभाग ने एकनाथ शिंदे गुट को टेंशन दे दी है. देवेंद्र फडणवीस के गृह विभाग ने शिंदे गुट के 20 से ज्यादा शिवसेना विधायकों की सुरक्षा में कटौती कर दी है. ये वो विधायक हैं, जो मंत्री नहीं हैं. इनकी सुरक्षा Y+ श्रेणी से घटाकर सिर्फ एक कांस्टेबल कर दी गई है. इतना ही नहीं, कुछ अन्य शिवसेना नेताओं को दी गई सुरक्षा भी वापस ले ली गई है. शिंदे कैंप के विधायक जब उद्धव गुट छोड़ कर आए थे, तो सभी को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी.
क्या केवल शिंदे कैंप के ही पर कतरे गए
हालांकि, फडणवीस के इस फैसले को बैलेंस करने की भी कोशिश की गई है. कुछ भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी नेताओं को भी सुरक्षा वापस ले ली गई है. हालांकि, जिन शिंदे वाली शिवसेना नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है या वापस ली गई है, उनकी संख्या कहीं ज्यादा है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के विधायकों और सांसदों को अक्टूबर 2022 में Y-सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था. यह फैसला उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर सीएम बनने के कुछ महीने बाद लिया गया था. अब शिंदे के मंत्रियों को छोड़कर अधिकांश शिवसेना विधायकों के लिए सुरक्षा कवर को घटा दिया गया है, जबकि पूर्व सांसदों के लिए इसे वापस ले लिया गया है.
कोल्ड वार से आगे बढ़ी तकरार?
जिन सभी नेताओं की सुरक्षा हटाई गई गई है, अब उनके साथ केवल एक कॉन्स्टेबल रहेगा. यह बात सही है कि फडणवीस के विभाग ने भाजपा और अजित गुट के नेताओं की भी सुरक्षा कम की है. मगर शिंदे कैंप के नेताओं की सबसे अधिक है, जिनकी सुरक्षा कम की गई है. यही वजह है कि शिंदे कैंप के नेता नाराज हैं. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच यह कोल्ड वार विधान सभाचुनाव के बाद से ही चल रहा है. हालांकि, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का कहना है कि कोई कोल्ड वार नहीं चल रहा है और नही कोई हॉट वार चल रहा है. सब टिक है. हम सब एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं. मगर महाराष्ट्र के सियासी संकेत तो कुछ और ही संकेत कर रहे हैं.