Uncategorized

आदिवासी विभाग

0 प्रमुख सचिव ने छात्रावास-आश्रमों में पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के दिए निर्देश

रायपुर, आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कल रायपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग के सहायक आयुक्तों की मैराथन बैठक ली। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार राज्य सरकार की महत्वकांक्षी पहल है। पहले चरण में 8 से 11 अप्रैल तक सामान्यजनों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। दूसरे चरण में एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाना है। श्री बोरा ने कहा कि जनहित में हमारा दायित्व है कि सुशासन तिहार से प्राप्त आवेदनों का पूरी ईमानदारी और गंभीरता से निराकरण किया जाए।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में कहा कि आदिम जाति विकास विभाग ने सुशासन की ओर एक कदम आगे बढ़ते हुए एक छात्रवृत्ति पोर्टल के रूप में 7 मई से नवीन व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। इसके तहत अब छात्रवृत्ति के लिए फार्म भरने वाले छात्र-छात्राओं को फार्म भरते ही छात्रवृत्ति मिलना शुरू हो जाएगा। नवीनीकरण वाले छात्र-छात्राएं 7 मई से आवेदन करेंगे, उन्हें 15 जून के भीतर ही छात्रवृत्ति की पहली किस्त मिल जाएगी और जून-जुलाई में फार्म भरने वालो को अक्टूबर में और नवीन छात्र जो अगस्त-सितम्बर में फार्म भरेंगे, उन्हें नवम्बर दिसंबर में ही छात्रवृत्ति मिलना शुरू हो जाएगी। इस नवीन व्यवस्था से शासकीय और निजी संस्थाओं में अध्ययनरत् अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा।

दरअसल बात यह है कि पहले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति फार्म भरने के बाद कई महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। ज्यादातर फरवरी-मार्च में ही छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने की परंपरा रही है। इससे मंहगी फीस वाले संस्थाओं में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं को फीस जमा करने में परेशानी होती थी। अब नवीन व्यवस्था के तहत फार्म जमा करते ही छात्रवृत्ति मिलने से उन्हें फीस पटाने, पुस्तक कॉपी खरीदने सहित अन्य जरूरत के समान खरीदने में आसनी होगी।

बैठक में श्री बोरा ने कहा कि नवीन कार्य की निविदा जारी कर 15 मई तक काम शुरू हो जाना चाहिए।राज्य के ऐसे आश्रम-छात्रावास जो जर्जर हो चुके हैं, ऐसे भवनों का परीक्षण कर नए भवन निर्माण के लिए तत्काल प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने कहा कि नवीन भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से बनाया जाए। साथ ही विभाग के पुराने भवनों में भी जल संरक्षण के दिशा में आगे बढ़ते हुए चरणबद्ध तरीके से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना सुनिश्चित हो। बैठक में उप सचिव बी.के. राजपूत, अपर संचालक संजय गौड़, आर.एस. भोई, जितेन्द्र गुप्ता, तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चंद्राकर, डॉ. रेश्मा खान, विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिले के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button