WAR; पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बड़ा बयान -भारत-पाक के बीच सीज़फायर 18 मई तक!
सीजफायर

नईदिल्ली, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर 18 मई तक ही है. यह बयान गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार नेशनल एसेंबली में दी. न्यूज एजेंसी AFP ने इसे रिपोर्ट किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री का यह बयान सामने आने के बाद भारत-पाक संघर्ष को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष फिर से शुरू होने वाला है? क्या 18 मई के बाद पाकिस्तान की ओर से फिर से ड्रोन और मिसाइल के जरिए हमले होंगे और भारत उसका जवाब देगा. क्योंकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री जब खुद यह सीजफायर की डेडलाइन बता रहे हैं तो इसका मतलब क्या है?
यह बात सही है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इशाक डार ने गुरुवार को सीजफायर पर यह बात कही. एएफपी ने इसे यूं ही रिपोर्ट नहीं किया है. लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ऐसा क्यों कहा… इसके पीछे एक गहरी चाल है. यह चाल है भारत को बातचीत के टेबल पर लाते हुए सिंधु समझौते को शुरू कराने की.

इशाक डार ने नेशनल एसेंबली में सीजफायर पर क्या कहा
इशाक डार ने नेशनल एसेंबली में कहा, “10 मई में दोनों देशों के बीच DGMO स्तर की बातचीत में 12 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी. 12 मई को जो बात हुई उससे 14 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी. 14 मई को जो बात हुई उसमें 18 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी. उन्होंने ये भी कहा कि सैन्य स्तर पर जो सहमति बनी है वह पूर्ण सहमति तभी बनेगी जब राजनीति स्तर पर जब दोनों देशों के बीच बातचीत हो.”
अब समझिए पाकिस्तान के इस नए पैंतरेबाजी को
दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के बाद बीते तीन सप्ताह में भारत-पाकिस्तान के बीच जो कुछ हुआ, वह पूरी दुनिया के सामने है. लेकिन पाकिस्तान भारत के उन सख्त फैसलों से ज्यादा परेशान है, जिससे वो किसी भी समय भयंकर तबाही में पड़ सकता है. पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर सिंधु समझौते को लेकर है.
सीजफायर की घोषणा के बाद भी भारत से स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा. पाकिस्तान के साथ बात होगी तो आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगी. पाकिस्तान सिंधु समझौता का सस्पेंशन हटाना चाहता है. इसके लिए वह भारत को राजनीतिक बातचीत पर लाना चाहता है.
सिंधु जल संधि के सस्पेंशन को हटाना चाहता है पाकिस्तान
दरअसल पाकिस्तान यह चाह रहा है कि राजनीति स्तर पर बात हो. ताकि सिंधु जल संधि स्थगित करने को लेकर वह भारत से बात कर सके. हालांकि भारत पहले ही इसके लिए ना कह चुका है. भारत पहले आतंकवाद पर पाकिस्तान की ओर से पूरा गारंटी चाहता है कि वो भविष्य में ऐसा नहीं करेगा. भारत कह चुका है कि फिलहाल डीजीएमओ स्तर की बातचीत होगी. जिसके लिए भारत ने अपनी शर्तें भी तय कर दी है.
भारत-पाकिस्तान वार्ता को लेकर भारत ने अपनी शर्तें पहले से तय कर दी है. भारत ने साफ कहा है कि बात होगी तो सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर होगी. सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा. इसी को लेकर पाकिस्तान सरकार की हालत पतली है.