SCHOOL; युक्तियुक्तकरण के बाद भी 1200 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे.. ऐसे में कैसे सुधरेगी व्यवस्था ?
शिक्षक

रायपुर, प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करना था, लेकिन राज्य के 1200 से ज्यादा स्कूलों में अब भी एक ही शिक्षक के भरोसे है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं है, लेकिन शिक्षक एक है। ऐसे में गुुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाना मुमकिन नहीं है।
जानकारी के अनुसार, 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालय में से 4721 में अब दो या तीन शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है, लेकिन अब भी बाकी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। दावा किया जाता है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कार्य किया जा रहा है, लेकिन यदि ऐसे ही शिक्षकों की कमी रही तो शिक्षा व्यवस्था कभी नहीं सुधारी जा सकती।
अब सवाल यह उठता है कि पर्याप्त शिक्षक भेजने की योजना थी तो सैकड़ों शाला एकल शिक्षकीय क्यों है? और युक्तियुक्तकरण के बाद भी शिक्षकों से जूझते स्कूल के लिए जिमेदार कौन? एक्सपर्ट की मानें तो नियम विरुद्ध शिक्षकों की एकतरफा काउंसलिंग की गई। इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि युक्तियुक्तकरण अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाया।
इन दो जिलों का हाल
धमतरी जिले के प्राथमिक शाला निर्राबेडा, प्राथमिक शाला नयापारा, प्राथमिक शाला गीतकारमुडा, प्राथमिक शाला खमनापारा नवागांव, प्राथमिक शाला कूपपारा सांकरा, प्राथमिक शाला प्रेमनगर, प्राथमिक शाला थानापारा, प्राथमिक शाला कछार पारा, प्राथमिक शाला कमार पारा, प्राथमिक शाला पथरीडीह शामिल है।
बलरामपुर में पीएस पचफेडिपारा, पीएस बारवापारा, प्रा. शाला गिद्धिपारा, प्राथमिक शाला यादवपारा, पीएस कन्या आश्रम तल्केश्वरपुर, प्राथमिक शाला यादवपारा, प्रा. शा. मूंगाडी, प्रा. शा. विशुनपुरा, प्रा. शा. विशुनपुरा, प्राथमिक शाला इंद्रपुर, प्रा. शा. पश्चिमपारा, प्राथमिक शाला खाजुवाही पारा, प्राथमिक शाला महुरावपारा, प्रा. शा. सावित्रीपुर, प्रा. शा. परसडीहा, प्राथमिक शाला खुटापानपारा, पीएस बालंगी, प्रा. शा. मूंगाडीह, प्रा. शा. मरेवाडीह आदि शामिल है। बाकी जिलों में ऐसे ही कई स्कूल में एकल शिक्षक है।