RMC;नगरीय निकायों में जीआईएस सर्वे में त्रुटि सुधार के नाम पर सम्पत्ति कर बढाने की तैयारी !

रायपुर, नगर निगम रायपुर सहित प्रदेश के नगरी निकायों में अप्रत्यक्ष रूप से संपत्ति कर बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार त्रुटि सुधार के नाम पर संपत्ति कर ज्यादा वसूला जा सकता है। रायपुर नगर निगम ने 450 करोड राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है।
बता दें कांग्रेस शासन काल में नगरी निकायों में संपत्ति कर दोगुनी कर दी गई थी। जीआईएस सर्वे में भवन के क्षेत्रफल के आधार पर संपत्ति कर वसूली गई थी इसमें बहुत सारी त्रुटियां भी थी। अब इन त्रुटियों को सुधारने की कवायद शुरू हो चुकी है। पिछले दिनों नगरी निकाय की समीक्षा बैठक में नगरी प्रशासन मंत्री अरुण सावने संपत्ति कर दुरुस्तीकरण के निर्देश दिए हैं इससे अधिकांश निकायों में संपत्ति कर में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
जहां तक रायपुर नगर निगम का सवाल है यहां पर भी जीआईएस सर्वे में काफी अनियमितता हुई है, जिसकी शिकायत अभी भी लगातार चल रही है लेकिन इन शिकायतों का निवारण अभी भी नहीं हो सका है। मतलब तो यह है कि ये त्रुटियां भी दुरुस्त कर ली जाएगी एवं नई कॉलोनी भी संपत्ति कर के दायरे में आ जाएंगे। ऐसे में जाहिर है कि राजस्व में वृद्धि होगी।
छत्तीसगढ़ के रायपुर समेत अन्य नगरीय निकायों द्वारा लोगों से वसूल किए गए संपत्तिकर में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। लोगों की शिकायतों के बाद भी नगरीय निकाय के राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार नगर निगम ने वार्डों में आज से पांच साल पहले जीआईएस सर्वे के आधार पर लोगों के घरों का क्षेत्रफल निकाला था।
इसी आधार पर संपत्तिकर का डिमांड नोट जारी किया जा रहा है, लेकिन इस सर्वे में कई ऐसे लोगों के घरों का क्षेत्रफल जिनके मकान दो या तीन मंजिला है, उनका क्षेत्रफल तीनों मंजिल का एक जैसा दर्शाया गया है। इस कारण से संपत्तिकर भी ज्यादा वसूला जा रहा है। इसकी शिकायत नगर निगम के राजस्व विभाग में करने पर कभी निगम मुख्यालय तो कभी जोन कार्यालय में दुरुस्त कराने को कहा जाता है। इस मामले में गलती नगर निगम के राजस्व विभाग की है, लेकिन इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उनसे संपत्तिकर ज्यादा वसूला जा रहा है। वार्ड के पार्षदों को भी इसकी जानकारी देने के बाद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि वैसे त्रुटिपूर्ण संपत्ति कर सर्वे में सुधार के नाम पर संपत्ति कर बढ़ाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित नए सर्वे के बाद संपत्ति के विवरण को अपडेट किया जा रहा है, जिससे कुछ संपत्तियों का टैक्स बढ़ सकता है, खासकर जब पुरानी और गलत जानकारी ठीक की जाती है या नए निर्माण जोड़े जाते हैं।
सर्वे और कर वृद्धि की प्रक्रिया
पिछले 5 वर्षों में शामिल हुए नए क्षेत्रों और पहले के सर्वे के बाद हुए कॉलोनियों के विस्तार के कारण नया सर्वे महत्वपूर्ण है। इस सर्वे में भवन मालिक, खाता नंबर, प्लॉट नंबर, मालिक का नाम, फोन नंबर जैसी जानकारी अपडेट की जाएगी, जिससे हर प्रॉपर्टी की एक यूनिक आईडी बनेगी। पुराने सर्वे में कई गलतियां थी, जैसे गलत क्षेत्र, पुराने मूल्यांकन तरीके, या गलत संपत्ति वर्गीकरण। नए सर्वे में इन त्रुटियों को सुधारा जाएगा। यदि पुराने सर्वे में संपत्ति का विवरण गलत था और नए सर्वे से आपकी संपत्ति का सही विवरण मिलता है, तो कर में वृद्धि हो सकती है, खासकर अगर पहले की गणना कम की गई थी।




