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POLITICS; उपराष्ट्रपति पद से अपने इस्तीफे के 50 दिन बाद जगदीप धनखड़ ने तोड़ी चुप्पी,कहा-बधाई हो

नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के करीब 50 दिन बाद जगदीप धनखड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी सी.पी. राधाकृष्णन को बधाई दी है। एनडीए कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त दी। धनखड़ के इस्तीफा देने पर ही उपराष्ट्रपति चुनाव समय से पहले कराया गया। अब एनडीए कैंडिडेट की जीत पर धनखड़ ने रिएक्ट किया है।

धनखड़ ने दी सीपी राधाकृष्णन को बधाई

सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद उनके विशाल अनुभव के साथ और भी गौरव प्राप्त करेगा। 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन पद छोड़ने के बाद धनखड़ का यह पहला सार्वजनिक बयान था। राधाकृष्णन को लिखे पत्र में धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर माना जाने वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर आपके चुने जाने पर हार्दिक बधाई।

राधाकृष्णन को लिखे पत्र में धनखड़ ने आगे कहा कि इस प्रतिष्ठित पद पर आपकी पदोन्नति हमारे राष्ट्र के प्रतिनिधियों के विश्वास और भरोसे को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में राधाकृष्णन के विशाल अनुभव को देखते हुए, उनके नेतृत्व में यह पद निश्चित रूप से और भी अधिक सम्मान और गौरव प्राप्त करेगा।

स्वास्थ्य कारणों से दिया था धनखड़ ने इस्तीफा

बता दें कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अचानक इस्तीफे से सियासी बवाल मच गया। विपक्ष ने उनके अचानक पद छोड़ने पर सवाल उठाए थे। धनखड़ का इस्तीफा होने के बाद ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव कराए गए। हालांकि, अपना पद छोड़ने के बाद से धनखड़ चुप ही थे। इस दौरान उनकी चुप्पी ने विपक्षी दलों को उनके ठिकाने पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया।

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