MAHANADI;महानदी जल विवाद गहराने लगा, ओडिशा सरकार ने मामलों की निगरानी के लिए बनाई 8 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति

भुवनेश्वर, ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ के साथ चल रहे महानदी जल विवाद के मुद्दों पर करीबी निगरानी रखने और जरूरी कदम उठाने के लिए आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव करेंगे. समिति गठन की जानकारी बुधवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति के जरिए दी गई.
समिति में शामिल प्रमुख सदस्य
यह समिति मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के निर्देश पर गठित की गई है. समिति में मंत्रिमंडल और विधानसभा के प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है-
- सुरेश पुजारी – राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री
- पृथ्वीराज हरिचंदन – कानून, उत्पाद शुल्क एवं निर्माण मंत्री
- संपद स्वैन – उद्योग मंत्री
- सरोज कुमार प्रधान – सरकारी मुख्य सचेतक
- विधायक निरंजन पुजारी
- विधायक जय नारायण मिश्रा
- विधायक सोफिया फिरदौस
क्या करेगी उच्चस्तरीय समिति?
जानकारी के अनुसार यह पैनल महानदी जल विवाद के प्रत्येक पहलू का अध्ययन करेगा. राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे तकनीकी और प्रशासनिक कदमों की निगरानी करेगा. न्यायाधिकरण में चल रही कार्यवाही के दौरान आवश्यक सुझाव देगा. यह कदम तब उठाया गया है जब महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण में सुनवाई जारी है.
न्यायाधिकरण में क्या कहा गया?
राज्य के एडवोकेट जनरल पीतांबर आचार्य ने पिछले दिनों न्यायाधिकरण में बताया कि दशकों पुराने इस विवाद का हल सिर्फ बातचीत से संभव नहीं है. छत्तीसगढ़ के ऊपरी क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं से निचले इलाकों में जल प्रवाह कम होने की शिकायतें जारी हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मांझी ने इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और जल शक्ति मंत्री से मुलाकात भी की है.

विवाद की पृष्ठभूमि
ओडिशा ने नवंबर 2016 में केंद्र सरकार के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ की परियोजनाओं से महानदी के निचले क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता प्रभावित हो रही है. इसके बाद केंद्र ने मार्च 2018 में महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण को अधिसूचित किया था.



