अमित शाह का चुनावी मंत्र- आंदोलन तेज कर सड़क पर उतरें नेता, सरगुजा-बस्तर से निकलेंगी दो यात्राएं
रायपुर, छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए मशक्कत कर रही भाजपा को देश की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री ने जीत का मूल मंत्र दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शाह ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक में दो टूक कहा कि विधानसभा चुनाव जीतना है तो इसके लिए आंदोलन तेज करना होगा। कार्यकर्ताओं-नेताओं को मैदान में उतरना होगा। शाह के एक और दो सितंबर को छत्तीसगढ़ में दौरे के बाद भाजपा प्रदेश संगठन ने चुनावी आंदोलन को तेज करने की रणनीति बना ली है।
सितंबर के दूसरे सप्ताह के बाद प्रदेश में बस्तर और सरगुजा से दो चुनावी यात्राएं निकाली जाएंगी। इस यात्रा की शुरुआत में अमित शाह फिर छत्तीसगढ़ आएंगे और समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रायपुर में दोबारा आमसभा को संबोधित करेंगे। इस यात्रा में भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जारी किए गए आरोप पत्र का सारांश पत्र भी लोगों को बांटने का निर्णय लिया है। यात्राएं छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर और सरगुजा संभाग के जशपुर से रायपुर तक एक साथ निकलेगी। दोनों यात्राएं रायपुर में विलीन होंगी।
सभी विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी यात्रा
अमित शाह ने निर्देश दिया है कि इस यात्रा को 15 दिन तक चलाना है और लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र के लोगों से रूबरू होना है। शाह के निर्देश के बाद भाजपा संगठन में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है। नेताओं का मानना है कि एक या दो दिन के भीतर चुनाव संचालन समिति और प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की जाएगी।
महामंत्रियों को दी और जिम्मेदारी
अमित शाह ने भाजपा के प्रदेश महामंत्रियों को और अधिक जिम्मेदारी दे दी है। उन्हें प्रदेश के अन्य भाजपा के मोर्चा का भी प्रभारी बनाया गया है। वह मोर्चा की गतिविधियों की मानिटरिंग के साथ रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा महामंत्रियों को चुनाव समितियों का भी प्रभारी बनाया गया है।
कार्यकर्ताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी
अमित शाह का निर्देश है जहां पर भाजपा को अधिक वोट मिलते हैं, वहां शत-प्रतिशत वोटिंग कराने के लिए कार्यकर्ताओं को काम करना है। घोषणा पत्र समिति काे निचले स्तर पर पहुंचाने, धान की खरीदी में मोदी सरकार के योगदान को किसानों तक पहुंचाने और केंद्र की योजनाओं को निचले स्तर तक लाने में कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होगी।