कानून व्यवस्था

NAXALITE; अबूझमाड़ मुठभेड़ में दो बड़े नक्सली लीडर ढेर, दोनों पर घोषित था 40-40 लाख का इनाम

जगदलपुर, बस्तर में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमावर्ती अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो बड़े नक्सली लीडर मारे गए. मारे गए माओवादी कैडरों के शवों की पहचान सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है. दोनों पर छत्तीसगढ़ में 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित था.

मुठभेड़ स्थल से AK-47 सहित अन्य हथियार व भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, माओवादी साहित्य, प्रचार-प्रसार सामग्री एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई है. जवानों की सर्चिंग जारी है. नारायणपुर एसपी रॉबिन्सन ने बताया कि अबूझमाड़ में माओवादी गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. 22 सितंबर की सुबह से मुठभेड़ शुरू हुई और दिनभर चलने वाले संघर्ष में माओवादी कैडर मारे गए. राजू दादा (63 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) और कोसा दादा (67 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे. उनकी गतिविधियों में सुरक्षा बलों और नागरिकों के कई हताहत होने की घटनाएं शामिल हैं. मुठभेड़ स्थल की तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई, जिससे माओवादी संगठन को बड़ी क्षति पहुंची है.

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि यह अभियान सरकार और जनता की उम्मीदों के अनुरूप सफल रहा. उन्होंने माओवादी कैडरों से अपील की कि वे हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत लाभ प्राप्त करें. यह मुठभेड़ अभूझमाड़ में चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य माओवादी गतिविधियों को कम करना और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

0 जवानों को मिली सफलता नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में निर्णायक पड़ाव-सीएम साय

अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों ने आज दो बड़े नक्सली लीडर को मार गिराया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हमारे वीर सुरक्षाबलों ने लाल आतंक के खिलाफ एक साहसिक और सफल अभियान को अंजाम दिया। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। यह सफलता केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव ही नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को और भी गति प्रदान करती है।

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