कानून व्यवस्था

SACRIFICE; अंधविश्वास में 3 वर्षीय मासूम की दी थी बलि, गला काटकर धड़ जलाया, फिर 3 दिन बाद गाड़ दिया सिर

गिराफ्तार

0आरोपी राजू कोरवा 15 महीने बाद गिरफ्तार

अंबिकापुर, सरगुजा के एक आदिवासी बहुल गांव में अंधविश्वास के चक्कर में पडक़र एक युवक ने 3 वर्षीय एक मासूम बच्चे की बलि दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को 15 महीने बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी 40 वर्षीय राजू कोरवा ने पुलिस पूछताछ में जो खुलासा किया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है. राजू का दावा है कि उसका बेटा मिर्गी और मानसिक बीमारी से से ग्रसित है. स्थानीय तांत्रिकों के कहने पर उसने ‘महादानी देवता’ को खुश करने के लिए मानव बलि देने का फैसला किया.

घटना 1 अप्रैल 2024 की बताई जा रही है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सबाग के सुलुंगडीह में अपने बीमार बेटे को स्वस्थ करने की सनक में देवता को खुश करने आरोपी ने मासूम की निर्मम हत्या कर दी थी। आरोपी बिस्किट का लालच देकर खेल रहे मासूम को अपने घर ले गया। इसके बाद चाकू से उसका गला काटकर अलग किया। फिर धड़ जला दिया। वह 3 दिन तक सिर को घर में छिपाकर रखा और चौथे दिन उसे नाले के पास गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था। शक के आधार पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बलि देने की बात स्वीकार की।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सबाग के सुलुंगडीह निवासी बिरेंद्र नगेशिया ने 6 अप्रैल 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 3 वर्षीय पुत्र अजय नगेशिया 1 अप्रैल से लापता है। उसने बताया था कि 29 मार्च 2024 वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ महुआ बीनने झलबासा जंगल गया था। फिर जंगल में ही झोपड़ी बनाकर डेरा डाले हुए था। 1 अप्रैल को वह प्राथमिक शाला सबाग में रसोइया का काम करने चला गया। जब शाम को लौटा तो उसकी पत्नी ने कहा कि वह नाला की ओर करेला सब्जी तोडऩे गई थी, उसके बाद से बेटा अजय डेरा के पास से खेलते-खेलते अचानक गायब हो गया है।

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