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GAME; ‘कुछ खिलाड़ी कप्तान के खास,’ क्रिकेट से संयास लेने के बाद अमित मिश्रा ने धोनी-कोहली पर साधा निशाना!

नईदिल्ली, भारत के स्टार लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने गुरुवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 42 साल के मिश्रा का अंतरराष्ट्रीय करियर हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उनके करियर को दो पड़ाव में बांटा जा सकता है। पहले हिस्से में उन्हें अनिल कुंबले जैसे दिग्गज की जगह भरने का दबाव झेलना पड़ा, जबकि दूसरे हिस्से में उन्हें रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसी नई पीढ़ी के स्पिनरों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा। 

अब संन्यास के बाद उन्होंने कुछ ऐसा कहा है, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। मिश्रा ने कहा कि कुछ खिलाड़ी कप्तानों के पसंदीदा होते हैं और इसी वजह से टीम में होते हैं। मिश्रा के इस बयान को फैंस अश्विन-जडेजा और कुलदीप-चहल से जोड़कर देख रहे हैं और इसे पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली पर तंज माना जा रहा है। 

टीम से अंदर-बाहर होते रहना सबसे कठिन
मिश्रा ने टेस्ट क्रिकेट में 22 मैचों में घातक गेंदबाजी करते हुए 76 विकेट लिए। वह अपनी तेज लेग ब्रेक और घातक गुगली के लिए मशहूर थे। इसके बावजूद तीनों प्रारूपों में वह अक्सर तीसरे विकल्प बनकर रह गए। मिश्रा ने अपने संन्यास की घोषणा के बाद कहा कि भारतीय टीम में जगह पाना और उसे बनाए रखना उनके लिए बेहद कठिन रहा। उन्होंने कहा, ‘कभी मैं टीम में होता था और कभी बाहर। कभी प्लेइंग इलेवन में मौका मिलता था, कभी नहीं। यह निराशाजनक था और कई बार मैं बहुत हताश हुआ। लेकिन फिर मैं सोचता था कि मेरा सपना भारत के लिए खेलना है।’ उन्होंने बताया कि इस मानसिक दबाव को दूर करने के लिए उन्होंने फिटनेस, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया।

2017 में मिश्रा ने खेला था आखिरी मैच
मिश्रा ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ बंगलूरू में खेला था, जो कि एक टी20 मैच था। उन्होंने उस मैच में 23 रन दिए थे और एक विकेट लिया था। हालांकि, उसी मैच में युजवेंद्र चहल ने छह विकेट झटक लिए और मिश्रा फिर कभी भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाए। हालांकि, मिश्रा ने आईपीएल में जलवा बिखेरना जारी रखा, जहां उन्होंने 162 मैचों में 174 विकेट लिए। उनके नाम आईपीएल में सबसे ज्यादा तीन हैट्रिक दर्ज हैं। 

आईपीएल ने बदला करियर का रुख’
मिश्रा मानते हैं कि 2008 आईपीएल में हैट्रिक उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। उन्होंने कहा, ‘2008 में हैट्रिक और पांच विकेट लेने के बाद मेरा भारतीय टीम में फिर से चयन हुआ। इससे पहले मैं घरेलू क्रिकेट में लगातार 35-45 विकेट ले रहा था, लेकिन चयन नहीं हो रहा था। आईपीएल ने सब कुछ बदल दिया। उस आईपीएल हैट्रिक ने मेरे लिए चीजें बदल दीं। मैंने उससे एक साल पहले सैयद मुश्ताक अली में भी अच्छा प्रदर्शन किया था और 25 विकेट लिए थे, जिससे मुझे आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट (दिल्ली डेयरडेविल्स) हासिल करने में मदद मिली। उस हैट्रिक के बाद, मैं लगातार भारतीय टीम में वापसी करता रहा और टी20 में मेरा करियर भी शुरू हो गया। इसलिए, 2008 में पांच विकेट वाली वह हैट्रिक मेरे जीवन का एक निर्णायक क्षण है।’

‘कुछ खिलाड़ी कप्तानों के पसंदीदा होते हैं’
अमित मिश्रा ने स्वीकार किया कि क्रिकेट में कप्तानों की अपनी पसंद होती है और यह स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘कुछ खिलाड़ी कप्तानों के पसंदीदा होते हैं, लेकिन इसका ज्यादा मतलब नहीं है। आपको जब भी मौका मिले, प्रदर्शन करना होता है। जब आप अच्छा खेलते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि आईपीएल में भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी करना विदेशी खिलाड़ियों की तुलना में कहीं कठिन होता था।

‘भारतीय बल्लेबाजों को आउट करना मुश्किल’
मिश्रा ने खास तौर पर वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, गौतम गंभीर और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों का नाम लिया। उन्होंने कहा, ‘विदेशी खिलाड़ी आपके स्किल से परेशान हो सकते हैं, लेकिन भारतीय बल्लेबाज आपको अच्छे से जानते हैं। ऐसे बल्लेबाजों को आउट करना हमेशा गर्व की बात रही।’

‘अनिल कुंबले से मिली बड़ी सीख’
मिश्रा ने अपने डेब्यू की याद भी ताजा की। उन्होंने बताया कि 2008 में मोहाली टेस्ट से पहले सुबह अनिल कुंबले ने उन्हें बताया कि वह चोटिल हैं और मिश्रा खेलेंगे। मिश्रा ने उस मैच में पांच विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब जीता। उन्होंने कहा, ‘कुंबले की जगह खेलना मेरे लिए बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने मौके का फायदा उठाया।’

‘किसी से कोई गिला शिकवा नहीं….’
25 साल लंबे करियर के बाद अमित मिश्रा ने भावुक होकर कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैंने सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों के साथ खेला, एमएस धोनी जैसे कप्तानों के साथ समय बिताया और रोहित शर्मा जैसे मौजूदा सितारों के साथ मैदान साझा किया। अब जब मैं क्रिकेट से दूर हो रहा हूं, तो भावुक तो हूं लेकिन संतुष्ट भी हूं। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया, सम्मान, पहचान और जीवन का उद्देश्य।’ मिश्रा ने कहा कि उन्हें भव्य विदाई या प्रेस कॉन्फ्रेंस की तलाश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को बड़ा फेयरवेल नहीं मिलता, और यह ठीक है। मेरे लिए अहम यह है कि मैंने दिल से खेला और हर मौके पर अपना सब कुछ दिया।’

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