स्वास्थ्य

AIIMS; एम्स में इमरजेंसी रेस्पांस से बस दुर्घटना के घायलों को समय पर उपचार मिल सका

रायपुर, कुम्हारी बस दुर्घटना के घायलों को समय पर उपचार प्रदान करने में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रामा एवं इमरजेंसी विभाग की उल्लेखनीय भूमिका रही। समय पर आकस्मिक सेवाओं में प्रदान किए जाने वाले प्रोटोकॉल को लागू करके त्वरित कार्रवाई करते हुए दस रोगियों को इमरजेंसी चिकित्सा प्रदान की गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी एम्स में उपचार प्राप्त कर रहे रोगियों से मिलकर उनका हाल जाना और उल्लेखनीय सेवाओं के लिए एम्स के चिकित्सकों की सराहना की।

एम्स के कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) को 9 अप्रैल की शाम को जैसे ही बस दुर्घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत एम्स के चिकित्सकों को मास केजुअल्टी प्रोटोकॉल और इमरजेंसी रेस्पांस सिस्टम को कार्यशील करने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही ट्रामा एवं इमरजेंसी के विभागाध्यक्ष प्रो. देबेंद्र त्रिपाठी को भी सभी संसाधन और चिकित्सकों के साथ तैयार रहने के लिए निर्देशित किया गया। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन से जुड़े सभी विभागों के चिकित्सकों, विभागाध्यक्ष और हड्डी रोग, न्यूरोसर्जरी, ईएनटी, नेत्र रोग, यूरोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, कार्डियोथोरोसिस वस्कुलर सर्जरी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के रेजिडेंट्स को तुरंत इमरजेंसी पहुंचकर दुर्घटना में घायल रोगियों को हर संभव चिकित्सा प्रदान करने के लिए कहा गया।

मध्यरात्रि तक दुर्ग से दस रोगियों को एम्स रायपुर रेफर किया गया। इन सभी को तुरंत आकस्मिक चिकित्सा प्रदान की गई। कार्यपालक निदेशक लेफ्टि जनरल जिंदल ने स्वयं सभी व्यवस्थाओं का प्रबंधन सुनिश्चित किया। सभी रोगियों को पहले रेड जोन में रखा गया। बाद में आठ रोगियों को येलो जोन में शिफ्ट कर दिया गया।

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. रेनू राजगुरु और अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन बोरकर ने सभी संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया। ट्रामा एवं इमरजेंसी के डिप्टी एमएस डॉ. नितिन कश्यप ने अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर दुर्घटना में घायल रोगियों के उपचार का प्रबंधन किया। प्रो. एन.के. बोधे ने सीटी स्कैन और एक्स रे सुनिश्चित करके घायलों को त्वरित उपचार में मदद की। प्रो. त्रिपाठी ने अन्य चिकित्सकों के साथ घायलों को सारी रात उपचार प्रदान किया। लेफ्टि जनरल जिंदल भी इस दौरान सभी चिकित्सकों के साथ संपर्क कर उन्हें घायलों को सभी संभव उपचार प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।

एम्स में एडमिट 10 रोगियों में से चार रोगी चोटिल हुए हैं, चार रोगी घायल हैं और दो गंभीर रोगी अभी वेंटीलेटर पर हैं। घायलों में छह महिलाएं एवं चार पुरुष हैं। सभी घायल दुर्ग एवं भिलाई के हैं।

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