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Budget 2024; वित्त मंत्रालय पहुंचीं निर्मला सीतारमण, सुबह 11 बजे संसद में पेश करेंगी आम बजट

नईदिल्ली, वित्त मंत्री सीतारमण  ने संकेत दिया है कि वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए कदमों की घोषणा करेंगी, जो देश के विकास इंजन का एक हिस्सा हैं। एमएसएमई को राहत मिलने से रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण (Manufacturing) में खास तौर पर वृद्धि की गुंजाइश है।

बजट पेश होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा, “यह बजट अमृत काल का महत्वपूर्ण बजट है। हमारे पास जो पांच साल हैं, यह बजट उस यात्रा की दिशा तय करेगा और साथ ही 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने की नींव रखेगा।केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट मंगलवार को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी और एक नया रिकॉर्ड भी बनाएंगी. आम बजट को लेकर हर वर्ग के लोगों को ढ़ेरों उम्मीदें हैं. रसोई को लेकर आम बजट से महिलाओं को राहत की उम्मीद है तो वहीं नौकरी पेशा और पेंशनर लोगों को आयकर सीमा बढ़ाए जाने और टैक्स से राहत की उम्मीद है. युवाओं को शिक्षा सस्ती और रोजगार के अवसरों की उम्मीद है तो व्यापारी टैक्स के बोझ को कम करने की उम्मीद कर रहे हैं.

नौकरीपेशा वर्ग को है ये उम्मीद
संगम नगरी प्रयागराज में नौकरी पैसा लोगों ने बजट को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई मांगे भी की है. नौकरी पेशा लोगों की मांग है कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके साथ ही पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों को भी काम किया जाना चाहिए. नौकरी पेशा लोगों का कहना है कि पिछले 10 साल में आयकर की सीमा में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसलिए आयकर की सीमा को भी बढ़ाकर नौकरीपेशा लोगों को राहत दी जानी चाहिए. लोगों का यह भी कहना है कि बैंक में फिक्स डिपाजिट और अन्य स्कीमों में 10 हजार से ज्यादा ब्याज मिलने पर भी टैक्स लगता है. यह टैक्स बंद होना चाहिए. नौकरी पेशा लोगों का कहना है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बेहतर प्रावधान करने की जरूरत है. लोगों का मानना है कि प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा यहां तक की आईआईटी जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों में भी शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त होनी चाहिए, ताकि गरीब भी अपने बच्चों को बड़े संस्थानों में पढ़ा सके. लोगों को उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से उनकी उम्मीदें पूरी होंगी और हर वर्ग को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से कुछ ना कुछ राहत जरूर मिलेगी.

इस बीच आम बजट से यूपी की योगी सरकार को भी काफी उम्मीदें हैं. केंद्रीय बजट में यूपी में विकास कार्यों के लिए 3.80 लाख करोड़ के बजट आवंटन का प्रावधानो सकता है. बजट में केंद्र सरकार की तरफ से करों और शुल्क में हिस्सेदारी के तौर पर 3.80 लाख करोड़ मिल सकते हैं जो कि अंतरिम बजट में आवंटित राशि से 10 फीसदी अधिक होगी.

सूबे के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने आम बजट को लेकर कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट सर्व समावेशी होगा. बजट जन कल्याण का होगा और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि हमारी आर्थिक स्थिति को यह बजट मजबूत करेगा. बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाने वाला होगा. विकसित भारत की दिशा में देश को आगे ले जाने वाला यह बजट होगा.

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