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MURDER; बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या का आरोपी निकला झोलाछाप डॉक्टर,धोखेबाज-लूटेरा बताने से सुलाया मौत की नींद

रायपुर, राजधानी रायपुर के अभनपुर इलाके में हाल ही में हुए बुजुर्ग दंपत्ति की नृशंस हत्या के मामले का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई और नहीं, बल्कि एक झोलाछाप डॉक्टर निकला है। आरोपी ने यह खौफनाक वारदात को अंजाम बुराई और ताने मारने के कारण दी थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, वाहन और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है।

घटना के दिन राकेश बारले शाम को भुखन के घर इलाज के बहाने गया। भुखन को खाट पर लिटाकर उसने रूखमणी को गर्म पानी लाने भेजा और मौके का फायदा उठाकर भुखन के गले और सीने पर चाकू से हमला कर दिया। जब रूखमणी पानी लेकर लौटी, तो आरोपी ने उसके भी छाती और गले में चाकू से हमला कर हत्या कर दी। हत्या के बाद वह धमतरी स्थित अपने घर गया, कपड़े बदले और घटना में प्रयुक्त चाकू, जूते और कपड़े को अभनपुर के एक नाले में फेंक दिया। फिर वापस आकर दवाई दुकान खोल ली ताकि किसी को उस पर शक न हो। आरोपी को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त चाकू, दोपहिया वाहन और अन्य सामग्री जब्त की गई है।

राकेश बारले ने बताया कि वह झोलाछाप डॉक्टर है और 2 साल पहले ग्राम बिरोदा में दवा दुकान खोलकर इलाज कर रहा था। करीब 1 माह पहले रूखमणी ध्रुव उसके पास हाथ दर्द के इलाज के लिए आई थीं, लेकिन राहत न मिलने पर वह लगातार उससे विवाद करती थीं और गांव वालों के बीच उसे धोखेबाज और लुटेरा बताने लगी। इसके अलावा राकेश ने भुखन ध्रुव की जमीन का सौदा रायपुर के एक व्यक्ति से कराया था और उससे 10,000 रुपये बयाना भी लिया था, जो भुखन ने जमीन न बेचने पर वापस नहीं किया। इस बात से राकेश मानसिक रूप से परेशान था।

16 जुलाई को बिरोदा गांव के ईश्वर साहू ने पुलिस को सूचना दी थी कि गोडपारा में रहने वाले बुजुर्ग भुखन ध्रुव और उनकी पत्नी रूखमणी ध्रुव अपने घर में मृत अवस्था में पड़े हैं। दोनों के गले पर धारदार हथियार से हमला किया गया था, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड को पुलिस ने गंभीरता से लिया और तत्काल अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 103 बी.एन.एस. व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देशन में जांच के लिए पांच अलग-अलग टीमें गठित की गईं। जांच के दौरान गांव में पांच दिन तक कैंप लगाकर 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया और फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली गई।

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