CAMP;जिला जनसमस्या शिविर के प्रति विश्वास बढा; 125 में से 72 आवेदनों का स्थल पर ही निराकरण
रायपुर, जिस मूलनिवास प्रमाण पत्र, नामांतरण, ऋण पुस्तिका केे लिए हफ्ते भर का समय लगता है, लेकिन आज वह घण्टे भर में बन गए और हितग्राहियों को हाथों में तत्काल मिल गए। यह नजारा था कलेक्टोरेट परिसर का। जहां आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। इसके पूर्व में तहसील एवं राजस्व मंडंल स्तर पर भी शिविर का आयोजन किया गया था। आज शिविर में संभागायुक्त डॉ संजय अलंग और कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने आम नागरिकों से रूबरू होकर समस्याएं सुनी। कुछ समस्याओं का मौके पर निराकरण हुआ। कुछ के लिए समय सीमा निश्चित कर समाधान करने की कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए।
शिविर में आवेदको द्वारा नामांतरण के संबंध में 31 आवेदन प्राप्त हुये थे जिसमें स्थल पर 22 आवेदनों का निराकरण किया गया, शेष प्रक्रियाधीन है। खाता विभाजन के कुल 02 आवेदन प्राप्त हुये थे जिसमें प्रकरण दर्ज किया गया। सीमांकन के 05 आवेदन में से 03 आवेदनों का निराकरण स्थल पर किया गया, शेष प्रक्रियाधीन है। किसान-किताब के 08 आवेदन प्राप्त हुये सभी आवेदनो का निराकरण स्थल पर किया गया। जाति/आय/निवास प्रमाण पत्र के 19 आवेदन प्राप्त हुये सभी आवेदनो का निराकरण स्थल पर किया गया। राजस्व संबंधी अन्य आवेदनो की कुल 48 आवेदनों में 18 आवेदन का निराकरण स्थल पर किया गया शेष प्रक्रियाधीन है। इस प्रकार कुल 125 आवेदनो में से 72 आवेदनो का स्थल में निराकरण किया गया शेष आवेदनों को शीघ्र निराकरण किये जाने हेतु संबंधित अधिकारियों का निर्देशित किया गया।
कलेक्टर ने दिया सप्ताह भर के भीतर करने का निर्देश
शिविर में आए चंगोराभाठा निवासी कृष्ण कुमार चौधरी ने बताया कि 1992 में पिता जी ने पांच लोगो के साथ मिलकर बच्चों के भविष्य के लिए 15 हजार स्क्वेयर फ़ीट भूमि खरीदी थी। जिसका सीमांकन के आवेदन लगातार उनके द्वारा जब वे जीवित थे और उनके देहांत के पश्चात हम लगातार लगाते रहे। 15 सालों से हर बार नाप-जोख किया जाता था। लेकिन प्रक्रिया पूरी नही होती थी। आज शिविर में कलेक्टर डॉ सिंह के पास मैने आवेदन देकर अपनी समस्या बताई। कलेक्टर डॉ सिंह ने अधिकारियों को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए और कहा कि सप्ताह भर के भीतर सीमांकन बाटांकन हो जाएगा।