कानून व्यवस्था

FRAUD;मुंबई की न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ का गबन, महाप्रबंधक समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज

गबन

मुंबई एजेंसी, मुंबई की न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस ने बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख व उनके सहयोगियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया है। गबन मामले की जांच अब मुंबई पुलिस की अपराध शाखा (EOW) करेगी।

आरबीआई ने लगाए कई प्रतिबंध

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे। यहां तक कि ग्राहक बैंक से धन की निकासी भी नहीं कर सकते हैं। आरबीआई ने लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखकर ही बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।

बैंक का बोर्ड भंग

शुक्रवार को आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया। बैंक के कामकाज को अब आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक देखेगा। सलाहकारों की एक समिति की भी नियुक्ति की गई है। यह समिति प्रशासक को कामकाज में सहायता देगी।

122 करोड़ का किया गबन

पुलिस ने बताया कि बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस थाने में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई।शिकायत के अनुसार बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।”

इन धाराओं में मामला किया गया दर्ज

पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सूरत में दो और पुणे में एक शाखा

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया है। एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है। इस सहकारी बैंक की 28 शाखाओं में से अधिकांश मुंबई महानगर में स्थित हैं। एक शाखा पुणे और दो शाखाएं गुजरात के सूरत में हैं। बैंक पर आरबीआई के प्रतिबंध के बाद से ही ग्राहकों में खलबली मची है। शुक्रवार की शाम बड़ी संख्या में बैंक पहुंचे। मगर उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। ग्राहकों ने बैंक के सामने हंगामा भी किया।

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