राजनीति

CM हाउस में सैलजा ने ली हाई लेवल मीटिंग; संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा नहीं; मंत्री सिंहदेव बोले-मुझे आम मिले हैं

रायपुर, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा मंगलवार सुबह अचानक रायपुर दौरे पर पहुंची। यहां से वे सीधे सीएम हाउस पहुंची। यहां उन्होंने हाई लेवल मीटिंग ली। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ स्पीकर चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी मौजूद रहे। यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली। इसके बाद मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष मरकाम सीएम हाउस से निकल गए।

वहीं मंत्री सिंहदेव ने बैठक को लेकर पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा- बैठक पूर्ण रूप से चुनावी तैयारियों पर केंद्रित थी। बैठक पहले से ही तय थी। कुमारी सैलजा ने चुनावी रणनीति को लेकर निर्देश दिए हैं। आगामी दिनों में संभाग स्तरीय अभियान शुरू होंगे। जिनमें सभी पांचों संभाग में कांग्रेस नई रणनीति के साथ लोगों के बीच जाएगी।

मंत्री सिंहदेव बोले-संगठन में बदलाव को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई

बैठक के माहौल का जिक्र करते हुए सिंहदेव ने कहा कि सभी मंत्री साथ बैठे थे। मेरा उपवास था, मैंने वहां कुछ नहीं खाया। मगर भूपेश बघेल जी के यहां से मुझे आम मिले, आम को गाड़ियों में रखवाया गया। अब मैं बंगले में खाऊंगा। कांग्रेस संगठन में कोई बदलाव होगा क्या, इस सवाल का जवाब देते हुए सिंहदेव ने कहा कि 75 प्लस सीटें कांग्रेस को मिली है, काम अच्छा हुआ है, तो बदलाव क्यों करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में भी ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है।

बैठक में क्या ईडी की कार्रवाई पर चर्चा हुई है क्या, इस सवाल के जवाब देते हुए सिंहदेव ने कहा कि हमने देखा कि कर्नाटक में क्या हुआ, हमने छत्तीसगढ़ में भी देखा। नान घोटाला के संबंध में विदेशों में अकाउंट खोले जाने के संबंध में अन्य मुद्दे जो उठे। उसमें एक भी जांच नहीं की गई। स्पेशल टास्क फोर्स अपॉइंट किया तो भाजपा ने कोर्ट में जाकर उस पर स्टे ले लिया। ईडी क्या कर रही है। लोगों पर दबाव बना रही है। मारपीट कर रही है, उनसे दबाव में हस्ताक्षर करवा रही है।

सिर्फ काम को लेकर चर्चा

स्पीकर की मौजूदगी को लेकर सिंहदेव ने बताया कि कांग्रेस की बैठक थी, इसलिए सभी पहुंचे हुए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इस बैठक में मौजूद थे। बदलाव की लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। सिर्फ काम को लेकर चर्चा हुई। आचार संहिता लगने में करीब-करीब 4 महीने ही बचे हैं। मई महीने को छोड़ दें तो उसके बाद जून-जुलाई, अगस्त, सितंबर 4 महीने बचते हैं। इसके बाद अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी।

इस दौरान सरकार ने जो काम किया है, उसकी भी चर्चा हुई। मैंने भी इस बात को रखा कि हमने जो पॉलिसी इम्प्लीमेंट किए हैं। चुनाव जीतना तो लगभग क्लियर दिख रहा है। बाकी और जो बातें हैं जो परिस्थितियां हैं, उनको और लोगों से बात करके, कार्यकर्ताओं से बात करके, कार्यकर्ताओं के मन में क्या है अन्य लोगों के मन में क्या है, ये देखेंगे।चुनाव को लेकर क्लियर तय हुआ है कि आने वाले समय में किस तरीके से काम करना है। दो-तीन हफ्ते के अंदर यह दिखना शुरू हो जाएगा। 15 जून के अंदर 5 संभागों में कार्यकर्ता सम्मेलन हो जाएगा।

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